सफाई कर्मचारी अडिग, जनता ने संभाला सफाई का मोर्चा
सफाई कर्मचारियों की हठधर्मिता के बाद प्रशासन ने अपने वाहनों के जरिए रविवार देर रात लगभग 300 टन कूड़ा उठान कराया।
देहरादून, [जेएनएन]: आठ दिन से हड़ताल पर डटे सफाई कर्मचारियों की हठधर्मिता से त्रस्त जनता भी प्रशासन की टीमों के साथ सफाई के लिए सड़कों पर उतर आई है। प्रशासन ने अपने वाहनों के जरिए रविवार देर रात लगभग 300 टन कूड़ा उठान कराया। सोमवार देर रात फिर से प्रशासन ने कूड़ा उठान का कार्य किया। वहीं, हड़ताली मानने को तैयार नहीं। उनसे जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने तीसरे दौर की वार्ता बुलाई, लेकिन वे नहीं माने। ऐसे में अब प्रशासन ने हड़तालियों से कोई भी वार्ता करने से इंकार कर दिया है। साथ ही मंगलवार से नाला गैंग और रात्रि सफाई के कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
मोहल्ला स्वच्छता समिति के 610 पदों में से 406 कर्मियों को संविदा पर नियुक्ति की मांग लेकर शहर के सफाई कर्मचारियों की पिछले सोमवार से हड़ताल चल रही है और पूरा शहर कूड़े व गंदगी की भेंट चढ़ा हुआ है। पिछले हफ्ते दो दौर की वार्ता के विफल रहने के बाद सोमवार को हड़ताली कर्मियों से जिलाधिकारी ने फिर वार्ता की। जिलाधिकारी ने चार दिन का वक्त मांगा पर हड़ताली नहीं मानें। जिद पर अड़े रहे कि जो काम चार दिन बाद हो सकता है, उसे आज ही किया जाए। इससे पहले हड़ताली कर्मियों को शनिवार की रात शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी मनाने का प्रयास किया था, लेकिन हड़ताली उनसे भी नहीं मानें। सोमवार को हड़तालियों ने निगम में प्रदर्शन व नारेबाजी जारी रखी। वहीं, जिला प्रशासन ने अपनी कार्ययोजना के अंतर्गत सोमवार देर रात भी शहर में कूड़ा उठान किया। एडीएम, एसपी सिटी, एसडीएम व तहसीलदार अलग-अलग क्षेत्रों में डटे रहे और मुख्य मार्गों से कूड़ा उठान का कार्य कराया।
डॉक्टरों ने उठाई झाड़ू
गंदगी से परेशान पॉम सिटी के लोगों ने मॉर्निंग वॉक के बजाए कूड़ा उठाना जरूरी समझा। सुबह ही डॉक्टर मुकुल कुमार के साथ ही अजय गैरोला और काजी आदि ने सड़क किनारे लगे कूड़े को ढेर को एकत्र किया और कूड़ेदान में डाला। इसके बाद कूड़ा वाहन मंगाकर कूड़ा प्लांट में भेजा। उन्हें देख अन्य लोगों ने भी साहस दिखाते हुए श्रमदान किया। वहीं, पंडितवाड़ी में देर रात भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने श्रमदान कर कूड़ा उठान किया। देर रात शहर के अन्य इलाकों से भी लोगों के श्रमदान में जुटने की जुटने की सूचनाएं मिलती रहीं।
ब्रह्मपुरी में उठाया दो ट्राली कूड़ा
आमजन ने श्रमदान कर ब्रह्मपुरी में दो ट्रैक्टर ट्राली कूड़ा उठवाया। गंदगी का ढेर ऐसा लगा हुआ था कि चलना मुश्किल हो गया था और बस्ती में बीमारी फैलने लगी थी। क्षेत्रीय पार्षद सतीश कश्यप ने बताया कि गंदगी के चलते बच्चों में डायरिया की शिकायत आ रही थी। साथ ही बुजुर्गों को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इस वजह से सभी लोगों ने तय किया कि कूड़े का उठान खुद करेंगे। सोमवार सुबह क्षेत्र के 50 से ज्यादा लोग इस कार्य में जुटे व सड़कों पर झाड़ू लगाकर कूड़ा एकत्र कर ट्राली में भरा। नालियों की सफाई भी की गई। इसके बाद कूड़े को शीशमबाड़ा भेज दिया गया।
निगम अधिकारी हुए 'भूमिगत'
शहर सड़ रहा और नगर निगम के सभी जिम्मेदार अधिकारी भूमिगत हैं। दरअसल, नगर आयुक्त विजय जोगदंडे अपनी मां की तबीयत खराब होने के चलते दस दिनों से अवकाश पर हैं। उनकी जगह कार्य संभाल रहे अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी शनिवार से गायब हैं। उन्हीं के साथ वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह का भी कुछ अता-पता नहीं। न ही दोनों निगम आ रहे, न उनके फोन मिल रहे। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की बात कही है।
सांठगांठ का नतीजा हड़ताल
हड़ताल कुछ और नहीं बल्कि निगम के अधिकारियों की सांठगांठ का नतीजा बताई जा रही। निगम सूत्रों के मुताबिक, संविदा पर नियुक्ति के लिए निगम अधिकारियों के पास पर्याप्त समय था, लेकिन जानबूझकर प्रक्रिया लटकाई गई। चर्चा है कि कर्मियों से प्रति नियुक्ति एक नियत रकम मांगी जा रही थी। इसी को लेकर बात नहीं बन रही थी और अधिकारियों ने डेढ़ साल प्रक्रिया लंबित रखी।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि सरकार पूरी तरह गंभीर है और तमाम वैकल्पिक व समानांतर व्यवस्थाएं कर रही है। प्रशासन की देखरेख में देर रात किराए के वाहनों से कूड़ा उठान किया जा रहा है। हड़ताली समझ नहीं रहे कि सरकार उनके भी हितों का ख्याल कर रही। उन्हें हड़ताल खत्म कर सरकार का सहयोग करना होगा, तभी सकारात्मक हल निकल पाएगा। नगर निगम अधिकारियों की भूमिका सवालों में है। इसे भी गंभीरता से लिया जा रहा। वह क्यों पूरे मामले से कन्नी काट रहे, इसकी जांच कराई जाएगी।
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