चीनी सामान पर निर्भरता से ठिठकी राज्य सरकार, केंद्र से गाइडलाइन का इंतजार
प्रदेश की भाजपा सरकार चीन के बने सामान पर निर्भरता कम करने के लिए अपने स्तर पर कदम उठाने के बजाय केंद्र सरकार से गाइडलाइन जारी होने का इंतजार कर रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। ऊर्जा के हर क्षेत्र में चीनी सामान पर निर्भरता का आलम ये है कि इस पर पाबंदी लगाने से पहले इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने की चुनौती पेश आ रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार चीन के बने सामान पर निर्भरता कम करने के लिए अपने स्तर पर कदम उठाने के बजाय केंद्र सरकार से गाइडलाइन जारी होने का इंतजार कर रही है। बिजली के मीटर हों या ट्रांसफार्मर या अन्य कोई भी सामान की आपूर्ति उत्तराखंड में भारतीय कंपनियां ही कर रही हैं। इन उपकरणों और संयंत्रों में बड़े पैमाने पर चीन निर्मित सामान का इस्तेमाल हो रहा है।
चीन के साथ सीमा पर बढ़ती तनातनी के बीच देश और प्रदेश में चीन निर्मित सामान के प्रयोग को हतोत्साहित कर रही है। खासतौर पर ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत मुहिम को तेज करने पर जोर दे रही है। इस सिलसिले में बीते शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्री के साथ चर्चा कर चुके हैं। इस दौरान ऊर्जा क्षेत्र में राष्ट्रीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। साथ ही केंद्र से गाइडलाइन जारी होने का मुद्दा भी उठा।
दरअसल, उत्तराखंड सरकार चीनी कंपनियों से ऊर्जा संबंधी उत्पादों की सीधी खरीद भले ही नहीं कर रही है, लेकिन बड़ी संख्या में बिजली उपकरणों व संयंत्रों में चीन के सामान को इस्तेमाल में लाया जा रहा है। यह हालत ऊर्जा के तीनों निगमों के साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी है। ऐसे में राज्य सरकार ने अपने स्तर पर किसी भी तरह की पाबंदी से बचते हुए केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक कदम उठाने का निर्णय लिया है।
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बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार चीन निर्मित सामान के वैकल्पिक राष्ट्रीय उत्पादों के बारे में भी नीति तैयार कर रही है। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच उक्त मुद्दे पर चर्चा हुई है। राज्य सरकार को केंद्र की गाइडलाइन का इंतजार है। इसके आधार पर राज्य सरकार फैसला लेगी।