बाल दिवस : गुरु ने दिखाई राह तो बच्चों ने पायी अपनी मंजिल
शिक्षा के बाजारीकरण के युग में भी कई शिक्षक जरूरतमंदों को निश्शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। ज्ञान बांटने से बढ़ता है का ध्येय जीवन में अपनाकर कई शिष्यों को सफलता की सीढ़ियां चढ़ा चुके हैं। ऐसे ही शिक्षकों से समाज में शिक्षकों का मान अब भी ऊंचा है।
देहरादून, जेएनएन। Children Day शिक्षा के बाजारीकरण के युग में भी कई शिक्षक जरूरतमंदों को निश्शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। ज्ञान बांटने से बढ़ता है का ध्येय जीवन में अपनाकर कई शिष्यों को सफलता की सीढ़ियां चढ़ा चुके हैं। ऐसे ही शिक्षकों से समाज में शिक्षकों का मान अब भी ऊंचा है। खुशी की बात यह भी है कि युवा पीढ़ी इस पुण्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है। दून में मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले मनु पंत इसकी मिसाल हैं। खुद आइआइटी से स्नातकोत्तर कर चुके मनु पंत दून में पिछले दस सालों से अपना कोचिंग संस्थान चला रहे हैं। हर साल उनके संस्थान से कई बच्चे जेईई, नीट एनडीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर सफल हो चुके हैं। मनु ने बताया कि हर बैच में जरूरतमंद बच्चों को वो निश्शुल्क या फिर ना के बराबर फीस लेकर तैयारी करवाते हैं।
ऐसे ही छात्रों में शुमार निशांत मैनुवाल ने इस साल जेईई की परीक्षा पास कर आइआइटी रुड़की में दाखिला पाया है। देहरादून के कैलाशपुर निवासी निशांत की सफलता के पीछे उनके गुरु पिता बबलू मैनवाल की बड़े संघर्ष की कहानी भी छुपी है। बबलू पांचवीं पास हैं। कम पढ़े लिखे होने के कारण कहीं नौकरी भी नहीं कर पाए। लिहाजा, घर का गुजारा चलाने के लिए सब्जी की ठेली लगाते हैं।
निशांत बताते हैं कि 12वीं के बाद उन्हें न किसी परीक्षा के बारे में पता था और न ही फॉर्म भरने की जानकारी थी। किसी तरह वह मनु पंत के संपर्क में आए। मनु पंत ने उन्हें इंजीनियरिंग में बारे में जानकारी दी और जेईई मेन की तैयारी में मदद की। पंत ने लॉकडाउन में फेसबुक और अन्य ऑनलाइन एप के माध्यम से भी बच्चों को मुफ्त में जेईई एवं नीट की तैयारी करवाई। अब वो इन निश्शुल्क ऑनलाइन कक्षा को जारी रखना चाहते हैं।
विपिन बलूनी 50 बच्चों को दे रहे हैं निश्शुल्क कोचिंग
मेडिकल विशेषज्ञ विपिन बलूनी भी पिछले कई सालों से हर साल 50 बच्चों को निश्शुल्क मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवा रहे हैं। इस साल भी उनकी पढ़ाई हुई छात्रा तमन्ना मंसूरी ने नीट की परीक्षा पास की है। तमन्ना पिछले दो सालों से विपिन बलूनी के संस्थान में नीट की तैयारी कर रही थी। देहरादून के ब्रह्मपुरी निवासी तमन्ना मंसूरी ने नीट में 602 अंक हासिल कर सफलता प्राप्त की। तमन्ना का सपना स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ बनना है।
उनके पिता तस्लीम मंसूरी मोटर मैकेनिक का काम करते थे, काम में मुनाफा नहीं हुआ तो टेंट हाउस का काम शुरू करना पड़ा। विपरीत परिस्थितियों की बीच अपने गुरु के मार्गदर्शन में तमन्ना यह कामयाबी हासिल करने में सफल रही। वो अपने पिता को भी इस कामयाबी का पूरा श्रेय देती हैं। तमन्ना बताती है कि दो साल तक जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो वह पूरी तरह से टूट चुकी थी। तब पिता ने ही उन्हें हौसला देकर एक और साल तैयारी की सलाह दी थी। पिता के इसी सहयोग और गुरु विपिन बलूनी की प्रेरणा के बूते ही उन्होंने नीट पास किया।