बाल संरक्षण आयोग ने शिक्षा सचिव को किया तलब
उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग ने सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की तैनाती नहीं होने पर नाराजगी जताई। आयोग ने इस मामले में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक एवं शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का स्पष्टीकरण तलब किया है।
जागरण संवाददाता, देहरदून : उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग ने सरकारी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की तैनाती नहीं होने पर नाराजगी जताई। आयोग ने इस मामले में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक एवं शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का स्पष्टीकरण तलब किया है। आयोग अध्यक्ष ऊषा नेगी ने उन्हें 28 दिसंबर को तीन बजे अपना पक्ष रखने को कहा है। ऊषा नेगी ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर ब्लॉक में दिव्यांग छात्रों के लिए दो विशेष शिक्षकों की तैनाती के आदेश थे। लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।
दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों का संज्ञान लिया
बीते दिनों भी आयोग ने अखबारों में प्रकाशित दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों का संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने संबंधित क्षेत्रों के एसएसपी को जांच रिपोर्ट 15 दिन के भीतर सौंपने के आदेश दिए हैं।आपको बता दें कि पहला मामला नैनीताल, जबकि दूसरा मामला देहरादून जिले का है। पहले मामले में नैनीताल में किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद जंगल में फेंक दिया गया।
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वहीं गांव वाले रातभर तलाश करते रहे। बीते गुरुवार की सुबह ग्रामीणों को किशोरी जंगल में बदहवास मिली। एंबुलेंस से किशोरी को अस्पताल पहुंचाया गया। इस मामले की सूचना संबंधित थाना में दी गई। पीडि़ता के पिता के अनुसार, एंबुलेंस में होश में आने पर बेटी ने पड़ोस के गांव के तीन युवकों पर उठाकर ले जाने का आरोप लगाया है। नाम बताने पर युवकों ने जान से मारने की धमकी दी थी।
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