दाखिल-खारिज में देरी से मुख्य सचिव ओमप्रकाश नाराज, दिए ये दिशा-निर्देश; जानिए
प्रदेश को 4600 करोड़ के ऋण मिलने का रास्ता साफ करने को चार क्षेत्रों में जरूरी सुधार की प्रक्रिया समयबद्ध पूरी की जाएगी। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को हिदायत दी कि इस प्रक्रिया में देरी नहीं की जाए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड को अतिरिक्त 4600 करोड़ के ऋण मिलने का रास्ता साफ करने को चार क्षेत्रों में जरूरी सुधार की प्रक्रिया समयबद्ध पूरी की जाएगी। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को हिदायत दी कि इस प्रक्रिया में देरी नहीं की जाए। उन्होंने रजिस्ट्री के बाद भूमि-भवन के दाखिल-खारिज में हो रही देरी पर नाराजगी जताई।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में बैठक हुई। इसमें दो फीसद अतिरिक्त ऋण सुविधा के लिए संबंधित विभागों के स्तर पर किए जा रहे उक्त सुधारों की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने सभी सुधारों को समय पर पूरा करने के लिए ठोस एक्शन प्लान तैयार करने को कहा। इसी एक्शन प्लान के अनुसार प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सुधारों को पूरा करने के बाद इसकी जानकारी केंद्र को भेजी जाएंगी, ताकि ऋण मिलने पर उसका समय रहते उपयोग किया जा सके।
शिक्षा के ऑनलाइन पोर्टल में लाएं तेजी
यह तय किया गया कि फॉरेस्ट लैंड के मामलों के तेजी से निस्तारण को हर जिले में फॉरेस्ट लैंड सेटलमेंट ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज की प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि वन नेशन वन राशनकार्ड योजना के तहत सभी राशन कार्डों की आधार सीडिंग का काम 20 अक्टूबर तक पूरा किया जाए। इस मौके पर बताया गया कि वर्तमान में 98 फीसद राशन कार्डों की आधार सीडिंग की जा चुकी है। शिक्षा के क्षेत्र में प्ले स्कूल हॉस्टल की स्थापना, सीबीएसई के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र व शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों के पंजीकरण को ऑनलाइन पोर्टल में तेजी लाई जाएगी।
जिलों में होंगी वर्कशॉप
मुख्य सचिव ने उक्त सुधारों के लिए सभी जिलों में वर्कशॉप आयोजित करने को कहा। विभाग इन सुधारों की निरंतर मॉनीटरिंग करेंगे। साथ में इसकी अपडेट जानकारी मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग मनीषा पंवार को मुहैया कराएंगे। बैठक में सचिव नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या एवं हरबंस सिंह चुघ मौजूद थे।
चार सुधारों पर टिका 4600 करोड़ का अतिरिक्त ऋण
केंद्रीय वित्त मंत्रलय के निर्देशों के मुताबिक निर्धारित चार क्षेत्रों में सुधार करने पर राज्य को कुल जीएसडीपी का दो फीसद करीब 4600 करोड़ अतिरिक्त ऋण मिल सकता है। इन चार में एक सुधार ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत जिला स्तर के उद्योग-कारोबारी सुधार, लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी बनाना या खत्म करना है। अन्य तीन में वन नेशन वन राशन कार्ड, शहरी निकायों के सुदृढ़ीकरण से संबंधित सुधार और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित सुधार दिसंबर तक करने हैं।
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