Move to Jagran APP

जनता की नब्ज पकड़ चुनौती की राह पर बढ़े तीरथ, पढ़िए पूरी खबर

2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री के पद की चुनौती संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने सिर्फ एक माह के कार्यकाल में जनता की नब्ज पर हाथ भी रखा और भाजपा की ही पिछली त्रिवेंद्र सरकार के तीन अहम फैसले पलट दिए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 06:05 AM (IST)
जनता की नब्ज पकड़ चुनौती की राह पर बढ़े तीरथ, पढ़िए पूरी खबर
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भाजपा की ही पिछली त्रिवेंद्र सरकार के तीन अहम फैसले पलट दिए।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री के पद की चुनौती संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने सिर्फ एक माह के कार्यकाल में जनता की नब्ज पर हाथ भी रखा और भाजपा की ही पिछली त्रिवेंद्र सरकार के तीन अहम फैसले पलट दिए। मंत्री परिषद के अपने सहयोगियों के साथ तालमेल के बूते मुख्यमंत्री आत्मविश्वास से लबरेज हैं ही, विपक्षी विधायकों के प्रति नरम रुख और बदले नजरिये का अपना अंदाज जता चुके हैं। नए मुखिया की तैयारी अब आम आदमी के दिल में पैठ बनाने की है। लंबे समय बाद हुई मंत्री परिषद की बैठक के फैसलों को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

loksabha election banner

सूबे में अचानक हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद पौड़ी के सांसद तीरथ सिंह रावत बीती 10 मार्च को मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए। अगले विधानसभा चुनाव से करीब सालभर पहले हुए इस बदलाव को पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की चार साल की एंटी इनकंबेंसी की काट के तौर पर देखा गया। खासतौर पर गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। वहीं जिलों में विकास प्राधिकरणों के गठन और उनके दूरदराज तक गांवों में हस्तक्षेप ने जनाक्रोश को नई धार देनी शुरू कर दी थी।

सत्तारूढ़ दल के विधायकों को प्राधिकरणों के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा। कमोबेश यही स्थिति देवस्थानम बोर्ड को लेकर भी भाजपा को पेश आ रही है। सरकार और सत्ताधारी दल के सामने इस चुनौती से निपटने में नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देर नहीं लगाई। एक माह के कार्यकाल में उन्होंने उक्त तीनों फैसलों को बदला या ऐसा करने की मजबूत इच्छाशक्ति जाहिर करने में देर नहीं लगाई। माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर और बाहर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को बेअसर करने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मुहिम आगे भी जारी रहने वाली है।

इसके साथ ही जनहित के फैसला लेने और उसे क्रियान्वित करने को प्राथमिकता दे रहे तीरथ सिंह रावत ने ये संदेश भी दिया है कि जनता के बीच सरकार की पैठ को मजबूत करना उनकी अगली मंजिल है। कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री परिषद की बैठक में महिलाओं, किसानों, ग्राम पंचायतों को केंद्र में रखकर अहम फैसले लिए। हरिद्वार कुंभ मेले को लेकर संत समाज की नाराजगी दूर करने में भी तीरथ को शुरुआती कामयाबी मिली है।

विवादास्पद बयानों पर विपक्ष ने साधा निशाना

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 30 दिन के अपने कार्यकाल के दौरान कई विवादस्पद बयानों को लेकर भी चर्चा के केंद्र में आए। उनके कुछ बयान किरकिरी का सबब भी बने। विपक्ष को भी उन पर निशाना साधने का खूब मौका मिला।

यह भी पढ़ें-चुनावी वर्ष में उत्तराखंड सरकार ग्राम पंचायतों को देगी तोहफा, जानें- कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.