त्योहारों का सीजन हो चुका है शुरू, खाद्य पदार्थों की खरीद से पहले परख लें उनकी गुणवत्ता
त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। इसके साथ ही बाजार में खाद्य पदार्थों की मांग भी बढ़ गई है। इसका फायदा उठाकर बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थ भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। इसलिए कोई भी वस्तु खरीदने से पहले उसे गुणवत्ता की कसौटी पर जरूर परख लें।
देहरादून, जेएनएन। त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। इसके साथ ही बाजार में खाद्य पदार्थों की मांग भी बढ़ गई है। इसका फायदा उठाकर बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थ भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। इसलिए कोई भी वस्तु खरीदने से पहले उसे गुणवत्ता की कसौटी पर जरूर परख लें। कहीं ऐसा न हो कि मिलावटी खाद्य पदार्थ आपकी सेहत नासाज कर दें।
नवरात्र में काफी संख्या में लोग व्रत रखते हैं।
व्रत में अन्न के स्थान पर फल और सिंघाड़े व कुटू के आटे से बने पदार्थो का ही सेवन किया जाता है। इसके चलते इन दिनों कुटू के आटे की मांग बढ़ गई है। मांग में बढ़ोत्तरी होने से इसमें मिलावट की आशंका भी बढ़ गई है। खासकर रुड़की में कुटू के आटे का सेवन करने के बाद कई लोग के बीमार होने से इस आशंका को और बल मिल गया है। इसलिए जरूरी है कि इस समय बाजार में कोई भी खाद्य पदार्थ खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता परख ली जाए। खासकर, उन खाद्य पदार्थो की जिनकी मांग बढ़ी है।
धीमा जहर हैं मिलावटी खाद्य पदार्थ
गांधी शताब्दी चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार मिलावट एक तरह से धीरे-धीरे असर करने वाले जहर की तरह है। हम रोजाना जो चीजें खाते-पीते हैं, उनमें से कई में मिलावट होती है। इसके अलावा फंगस लगे खाद्यान्न भी हमारे पाचन तंत्र के लिए खतरा हैं। शरीर के अंदरूनी अंगों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। मिलावटी चीजें खाने से पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां अल्सर, ट्यूमर आदि होने का बहुत ज्यादा खतरा रहता है। फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, गैस, एसिडिटी आदि भी इसके प्रभाव हैं।
ऐसे करें कुटू में मिलावट की जांच
सोसायटी ऑफ पॉल्यूशन एंड इनवायरनमेंटल कंजरवेशन साइंटिस्ट (स्पेक्स) के सचिव डॉ. बृज मोहन शर्मा बताते हैं कि कुटू के आटे की जांच के लिए चुटकीभर आटा जीभ पर रखें। अगर इसमें फफूंद लगी होगी या मिलावट होगी तो हल्का कड़वापन महसूस होगा। अगर ऐसा महसूस हो तो आटे का तत्काल थूक दें। आप लैब विधि से भी इसकी जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको लैब जाने की जरूरत नहीं है। घर में ही एक टेस्ट ट्यूब लें और उसमें थोड़ा सा कुटू का आटा डाल दें। इस आटे में हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। अगर मिश्रण में कोई छानने वाली चीज नजर आए तो समझ जाएं कि आटे में चाक मिला हुआ है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड आप मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। इसके अलावा कुटू के आटे में मिलावट का पता लगाने के लिए एक तरीका यह है कि एक चम्मच आटे में नींबू के रस की कुछ बूंदे डालें। आटे में बुलबुले बनें तो समझ लीजिए कि आटा मिलावटी है।
कीड़ों के खाए अनाज से भी बचें
किसी भी अनाज में कीड़े (इंसेक्ट) और पेस्टीसाइड होने से उसकी अंकुरण क्षमता खत्म हो जाती है। इंसेक्ट और पेस्टीसाइड की खुद की मेटाबोलिक एक्टिविटी के कारण अनाज और आटे का तापमान बढ़ जाता है और उसमें फंगस लगने लगता है। फंगस की ग्रोथ होने पर अनाज और आटे में टॉक्सिंस रिलीज होते हैं। जो इंसान के पेट में जाकर तबीयत बिगाड़ सकते हैं।
इसलिए होती है मिलावट
त्योहारों का सीजन आते ही खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ जाती हैं। ऐसे में आपूर्ति बनाए रखने और ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में दुकानदार मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने लगते हैं। कई बार दुकानदार मांग बढ़ने का फायदा उठाकर ग्राहकों को काफी पुराना सामान भी बेच देते हैं, जो इस्तेमाल करने योग्य नहीं होता। कुटू के आटे में चाक, बोरिक पाउडर और मैदा तक मिलाया जाता है।
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