तबादला होने के बावजूद नए तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग न देने पर चार पीसीएस अधिकारियों को चार्जशीट
उत्तराखंड शासन ने तबादला होने के बावजूद नए तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग न देने पर चार अधिकारियों को चार्जशीट जारी की है। इसमें उनसे ज्वाइनिंग न देने का कारण पूछा गया है। ये पीसीएस अधिकारी हैं गोपाल चौहान स्मृता परमार अजयवीर और सुंदर सिंह।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। तबादला होने के बावजूद नए तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग न देने पर चार अधिकारियों के खिलाफ शासन ने सख्त रुख अपनाया है। शासन ने पीसीएस अधिकारी गोपाल चौहान, स्मृता परमार, अजयवीर और सुंदर सिंह को चार्जशीट जारी की है। उनसे ज्वाइनिंग न देने का कारण पूछा गया है। साथ ही 17 सितंबर तक ज्वाइनिंग न देने का कारण प्रस्तुत करने को कहा गया है। शासन ने यह भी आदेश दिए हैं कि जिन नौ अधिकारियों को विभिन्न जिलों से कार्यमुक्त नहीं किया गया है, वे गुरुवार से स्वत: कार्यमुक्त समझे जाएंगे। जिन्होंने नए तैनाती स्थल पर जाने के स्थान पर मेडिकल सर्टिफिकेट दिए हैं, उनके सर्टिफिकेट की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जाएगी। हालांकि, शाम को एक पीसीएस अधिकारी की ज्वाइनिंग की सूचना शासन को भेजी गई है।
प्रदेश सरकार ने चार सितंबर को 63 पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए थे। इनसे सात सितंबर तक नए तैनाती स्थल पर योगदान देने को कहा गया था। इन अधिकारियों में से चार ने पुराना चार्ज न छोड़ते हुए नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। इस पर मुख्य सचिव एसएस संधु ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने सचिव कार्मिक को इन अधिकारियों को चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए। इस क्रम में शासन ने चार्जशीट जारी कर दी है।
हालांकि, इनमें से एक अधिकारी ने अपनी नए तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग दे दी हैं। चार्जशीट में इनसे पूछा गया है कि तबादला हुए 11 दिन की अवधि बीतने के बाद भी किन कारणों से तैनाती नहीं दी गई। यह कर्मचारी सेवा नियमावली आचारण का उल्लंघन है। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि जिन अधिकारियों को अभी तक जिलों से नए तैनाती स्थल के लिए अवमुक्त नहीं किया गया है, उन्हें गुरुवार यानी 16 सितंबर से स्वत: कार्यमुक्त समझा जाएगा।
इन्हें इसके बाद तुरंत नए तैनाती स्थल पर अपनी ज्वाइनिंग देनी होगी। इसके अलावा कुछ पीसीएस अधिकारियों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए नए तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग नहीं दी है। मुख्य सचिव ने ऐसे सभी अधिकारियों के चिकित्सा प्रमाण पत्रों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा बोर्ड से इनकी जांच कराई जाए। जिसके चिकित्सा प्रमाण पत्र गलत पाए जाएंगे, उस पर तो कार्यवाही होगी ही, साथ ही संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें:-उत्तराखंड: तबादले के बाद भी पदभार ग्रहण नहीं करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई