Uttarakhand Crime: सेवानिवृत्त आइएएस राम बिलास यादव के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल
Uttarakhand Crime सेवानिवृत्त आइएएस राम बिलास यादव के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। उन पर आय से 25 गुना अधिक संपत्ति की अर्जित करने का मामला है।सेवानिवृत्त आइएएस राम बिलास यादव को विजिलेंस ने 23 जून को गिरफ्तार किया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार सेवानिवृत्त आइएएस राम बिलास यादव के विरुद्ध विजिलेंस ने न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है। अब तक की जांच में आरोपित की ओर से आय से 25 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने की बात सामने आई है। राम बिलास इस समय जेल में हैं, जबकि उनकी पत्नी कुसुम बिलास को भी विजिलेंस इस मामले में सह आरोपित बनाकर उन पर मुकदमा दर्ज कर चुकी है।
23 जून को किया गया था गिरफ्तार
नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर तत्कालीन समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव राम बिलास यादव 22 जून को देहरादून में विजिलेंस के समक्ष पेश हुए थे, जहां 13 घंटे की पूछताछ के बाद 23 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
छह बैंक खाते किए फ्रीज
इसके बाद विजिलेंस ने यादव व उनकी पत्नी के नाम पर संचालित छह बैंक खाते फ्रीज करा दिए। गिरफ्तारी से चंद घंटे पहले उत्तराखंड शासन ने जांच में सहयोग न करने पर यादव को निलंबित कर दिया था। उनके पास समाज कल्याण के अलावा कृषि और उद्यान विभाग के अपर सचिव का भी दायित्व था। यादव 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए थे।
कुसुम के नाम पर एक करोड़ 20 लाख रुपये की एफडी
विजिलेंस जांच में सामने आया कि यादव ने अपने व पत्नी कुसुम बिलास के नाम पर बैंक में एक करोड़ 20 लाख रुपये की एफडी की हुई है। इसके अलावा पोस्ट आफिस में 90 लाख रुपये की एफडी, डेढ़ करोड़ से अधिक की बीमा पालिसी, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में चार प्लाट, गाजियाबाद में एक फ्लैट के अभिलेख समेत बड़ी संख्या में अनुबंध पत्र उनके घर से बरामद हुए हैं।
यादव की लखनऊ में करोड़ों की संपत्ति
यादव की लखनऊ के दिलकश विहार में करोड़ों की संपत्ति और कुर्सी रोड गुडम्बा में संचालित हो रहे स्कूल की भूमि भी विवादित है। जांच अधिकारी सीओ विजिलेंस अनुषा बडोला ने बताया कि शासन की अनुमति के बाद राम बिलास के विरुद्ध बुधवार को न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया गया।
विजिलेंस ने आरोप-पत्र दाखिल करने की अनुमति लेने के लिए शासन में डिटेल फाइनल रिपोर्ट (डीएफआर) भेजी थी। बुधवार शाम शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस टीम न्यायालय पहुंची। जांच अधिकारी ने बताया कि विजिलेंस की ओर से 60 दिन की समयसीमा के भीतर आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।
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