बदरी विशाल के जयकारे के साथ चारधाम रवाना हुए यात्री
जागरण संवाददाता ऋषिकेश चार धाम यात्रा खुलने के साथ ही तीर्थयात्री देवभूमि का रुख करने लग
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:
चार धाम यात्रा खुलने के साथ ही तीर्थयात्री देवभूमि का रुख करने लगे हैं। सोमवार को बेंगलुरु के 19 यात्रियों का एक दल ऋषिकेश से चार धाम यात्रा के लिए रवाना हुआ। यात्रियों ने गंगा मैय्या की जय व बदरी-विशाल के जयकारे लगाकर यात्रा शुरू की।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से इस वर्ष चार धाम यात्रा धामों के कपाट खुलने पर शुरू नहीं हो पाई थी। संक्रमण के मामले कम होने के बाद जब सरकार ने चार धाम यात्रा को खोलने का फैसला लिया तो न्यायालय ने पुख्ता व्यवस्थाएं न होने के चलते यात्रा पर रोक लगा दी थी। लंबे इंतजार के बाद न्यायालय ने 16 सितंबर को चार धाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी। जिसके बाद 18 सितंबर से कुछ प्रतिबंध व जरूरी शर्तों के साथ चार धाम यात्रा खोल दी गई। इसके साथ ही अब चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम भी शुरू हो गया है।
हालांकि अभी यात्रा की गति धीमी होने के कारण इस वर्ष चार धाम यात्रा संचालन के लिए संयुक्त रोटेशन का गठन नहीं हो पाया है। संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति नौ परिवहन संस्थाओं से मिलकर बनती है। संयुक्त रोटेशन के बजाय परिवहन संस्थाएं निजी तौर पर ही यात्रा संचालित कर रही हैं।
सोमवार को यात्रियों का अब तक का सबसे बड़ा दल चार धाम यात्रा के लिए रवाना हुआ। बेंगलुरु निवासी प्रकाश शेट्टी ने बताया कि उनका 19 यात्रियों का दल चार धाम के दर्शन के लिए आया है। वह पिछले कई वर्षों से चार धाम यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे थे, मगर कोरोना संक्रमण व अन्य कारणों के चलते वह यात्रा नहीं कर पाए। इस बार जैसे ही चार धाम यात्रा खुलने का पता चला तो उन्होंने तत्काल पंजीकरण कर दिया। उन्होंने कहा कि वह सभी लोग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री जाएंगे।
चारधाम यात्रा को लेकर उत्साह में यात्री
चारधाम यात्रा भले ही इस बार देर से शुरू हुई है। मगर, यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। बेंगलुरु से पहुृंचे यात्रियों ने चार धाम यात्रा को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। 48 वर्षीय रविद टीसी ने कहा कि कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा का खुलना सुखद है। कम से कम कोरोना महामारी के कारण भयभीत लोग अपने आराध्यों का दर्शन तो कर सकते हैं। 56 वर्षीय जयश्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने एक लंबे दौर ने नागरिकों को आशंकित बनाए रखा। मगर, अब कोरोना का प्रकोप कुछ शांत हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अभी भी सतर्कता के साथ यात्रा तथा अन्य कार्य करने की जरूरत है। 51 वर्षीय प्रतिभा ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ चार धाम यात्रा पर आई है। लंबे समय के बाद परिवार के साथ घर से बाहर निकल रहे हैं, यहीं एक सुखद अहसास है। बीएस आनंद ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के चार धाम के दर्शन करने का उन्हें सौभाग्य मिला है। ऋषिकेश पहुंचकर गंगा के दर्शन भर से मन तृप्त हो गया है। अब धाम में भी अच्छे से दर्शन हो जाएंगे।
पंजीकरण न होने से यात्री परेशान
चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से चार धाम यात्रा के लिए बनाई गई पंजीकरण वेबसाइट पर अक्टूबर तक की एडवांस बुकिग हो गई है। जानकारी के अभाव में यहां पहुंच रहे अधिकांश यात्रियों का पंजीकरण ही नहीं हो पा रहा है। कई यात्री तो ऐसे हैं जो दूर-दराज के प्रदेशों से चार धाम यात्रा के लिए ऋषिकेश व हरिद्वार पहुंच चुके हैं। मगर, पंजीकरण न होने से वह असमंजस की स्थिति में हैं।