Chardham Yatra 2022: हृदयघात से चारधाम यात्रा के दौरान अब तक हुई 205 श्रद्धालुओं की मौत
उत्तराखंड में अभी चारधाम यात्रा चल रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं हालांकि अब इनकी संख्या कम हो रही है। वहीं अभी तक 205 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसमें अधिकतर मौत हृदयघात से हुई।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की मौत का आंकड़ा दो सौ पार कर गया है। अब तक 203 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसमें केदारनाथ में 97, बदरीनाथ में 53, गंगोत्री में 13 और यमुनोत्री में 42 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। इसमें ज्यादातर मौत हृदयघात के चलते हुई है।
आज बदरीनाथ धाम में तीन श्रद्धालुओं की हृदय गति रुकने से मौत हो गई।
धाम---------कुल मृतक
यमुनोत्री ----42
गंगोत्री--------13
केदारनाथ,-----97
बदरीनाथ--------53
ऋषिकेश-------06
केदारनाथ में तीर्थ यात्रियों की संख्या आठ लाख पार
केदारनाथ दर्शनों को पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या रविवार को आठ लाख का आंकड़ा पार कर गई। हालांकि, जून अंतिम सप्ताह में तीर्थ यात्रियों की संख्या में काफी घट गई है, लेकिन वर्षाकाल समाप्ति के बाद यात्रा के फिर गति पकडऩे की उम्मीद है। अभी यात्रा में चार माह का समय शेष है।
इस वर्ष छह मई को धाम के कपाट खुलने के साथ ही तीर्थ यात्रियों का सैलाब उमडऩे लगा था। शुरुआत में प्रतिदिन 18 से 20 हजार के बीच तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे। अभी यात्रा को महज 52 दिन ही हुए हैं और इस अवधि में आठ लाख चार हजार 407 तीर्थ यात्री बाबा के दर्शन कर चुके हैं।
जबकि, वर्ष 2019 में यह आंकड़ा लगभग ढाई महीने बाद पार हुआ था। तब पूरे सीजन में दस लाख 35 तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे। यह केदारनाथ यात्रा के इतिहास में तीर्थ यात्रियों की सर्वाधिक संख्या है।
केदारनाथ मंदिर परिसर में बनेगा प्रवेश द्वार
केदारनाथ मंदिर परिसर में परिक्रमा पथ के सीमांकन (बाउंड्री वाल) के साथ प्रवेश द्वार का निर्माण होगा। इसके लिए शुक्रवार को भूमि पूजन हुआ। प्रवेश द्वार का निर्माण होने के बाद उस पर पूर्व की भांति घंटा भी स्थापित किया जाएगा। तीर्थ पुरोहित लंबे समय से मंदिर परिसर में प्रवेश द्वार के निर्माण की मांग कर रहे थे।
मंदिर परिसर में भूमि पूजन का कार्यक्रम पं. संजय कूर्मांचली ने संपन्न कराया। इसमें श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुजारी टी.गंगाधर लिंग, आचार्य ओंकार शुक्ला, लोकेंद्र तिवाड़ी, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला आदि शामिल हुए। मंदिर के परिक्रमा पथ पर बाउंड्री वाल निर्माण के बाद तीर्थ यात्री एक निश्चित दूरी तक ही जूते-चप्पल पहन कर जा सकेंगे।