Chardham Yatra मार्गों पर टाइम रिस्पांस किया जाए कम, स्वास्थ्य सचिव ने दिए यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए पहुंचे 42658 यात्रियों की अब तक हेल्थ स्क्रीनिंग हो चुकी है। गत दिसव जिस यात्री को उपचार के लिए हर्षित स्थित चिकित्सालय लाया गया था उनके स्वास्थ्य में सुधार है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि चारधाम यात्रा के लिए पहुंचने वाले यात्रियों की प्रतिदिन हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। जिसमें यह देखा गया है कि यात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आने पर हाईपोथर्मिया (ठंड लगना) तथा आक्सीजन की कमी से होने वाली दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी के दौरान संबंधित जनपदों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए रिस्पांस टाइम को और कम किया जाए, ताकि अस्पताल में लाए जाने वाले यात्री को त्वरित उपचार देकर जीवन रक्षा हो सके।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए पहुंचे 42658 यात्रियों की अब तक हेल्थ स्क्रीनिंग हो चुकी है। गत दिसव जिस यात्री को उपचार के लिए हर्षित स्थित चिकित्सालय लाया गया था उनके स्वास्थ्य में सुधार है। उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्र मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाया जाए। यात्रा ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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अब तक 48 यात्रियों की हो चुकी मौत
चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे 48 यात्रियों की अब तक मृत्य हो चुकी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट ने यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए बताया कि अब तक जितने यात्रियों की मृत्यु हुई है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। बताया कि 46 यात्रियों की मौत का कारण अकस्मात हृदयघात (हार्ट अटैक) होना पाया गया है। इनमें भी अधिकांश लोग पूर्व से ही अन्य बीमारियों से पीडि़त थे। जबकि कुछ लोग पूर्व में कोरोना संक्रमित हुए थे। जबकि दो यात्रियों की मौत पहाड़ी से गिरने व गंभीर रूप से घायल होने से हुई है
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