Chardham Yatra 2022: गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का हर समय रहता है खतरा, इस पर सावधानी पूर्वक चलें यात्री
उत्तरकाशी में गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा हर समय है। बता दें कि गंगोत्री धाम तक 40 और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर 30 से अधिक स्थानों पर पत्थर गिरते हैं। पहाड़ों में जरूरी सावधानी न बरतने से भी दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा अपने चरम पर चल रही है। लेकिन, यात्रा के दौरान यात्रियों को सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। जरूरी नहीं है कि पहाड़ों में चालकों की लापरवाही से दुर्घटनाएं होती हैं। कुछ दुर्घटनाएं पहाड़ों में जरूरी सावधानी न बरतने से भी हो जाती हैं। ऊंची पहाड़ियों से हर समय पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है।
गंगोत्री धाम को जोड़ने वाले गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिन्यालीसौड़ से लेकर गंगोत्री धाम तक 40 से अधिक स्थान ऐसे हैं, जहां पत्थर गिरते रहते हैं। जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर 30 से अधिक स्थान हैं। इन स्थानों पर जो पत्थर गिरते हैं।
उत्तरकाशी जनपद में गंगोत्री और यमुनोत्री दो प्रमुख धाम हैं। गंगोत्री धाम में हर दिन आठ सौ से अधिक वाहन पहुंच रहे हैं। जबकि यमुनोत्री धाम में छह सौ से अधिक वाहन पहुंच रहे हैं। गंगोत्री धाम को जोड़ने वाले गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिन्यालीसौड़ से लेकर गंगोत्री धाम तक स्थान ऐसे हैं, जहां पत्थर गिरते रहते हैं।
जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर भी कुछ स्थानों पर पत्थर गिरते हैं। साथ ही इन स्थानों पर भूस्खलन के अलावा वन्यजीवों की आवाजाही और तूफान चलने के कारण भी पत्थर गिरते हैं।
मानसून सीजन में तो यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। भले ही पुलिस ने जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए हुए हैं। लेकिन, उसके बाद भी घटनाएं घटित हो रही हैं। शुक्र यह है कि अभी तक इस यात्रा सीजन में कोई बड़ी दुर्घटनाएं घटित नहीं हुई हैं।
गत सोमवार को गंगनानी से 200 मीटर गंगोत्री की ओर पहाड़ी से पत्थर गिरे, जिनकी चपेट में एक इनोवा कार आयी। कार के शीशे टूटने के साथ कार में सवार एक यात्री के पांव में चोट आई।
गंगनानी चौकी प्रभारी बलवीर रावत व आपदा स्वयं सेवक राजेश रावत ने वाहन को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया तथा घायल को उपचार के लिए अस्पताल तक लेकर गए। वर्ष 2018 में यमुनोत्री धाम से लौट रहे जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक का वाहन भी डाबरकोट के पास पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आया। जिससे वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ। डीएम व एसपी समेत वाहन में बैठे चार व्यक्तियों की जान बाल-बाल बची।
देवेंद्र पटवाल (जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उत्तरकाशी) ने कहा कि ऊंची पहाड़ियों से पत्थरों के गिरने का खतरा आए दिन बना रहता है। पुलिस प्रशासन की ओर से अधिकांश चिह्ति स्थानों पर चेतावनी व सावधानी बोर्ड भी लगाए हैं। इसलिए सभी से अपील है कि यात्रा मार्ग पर सावधानी पूर्वक चलें। बारिश, तूफान और रात के समय चलने से बचे।