Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा में रियायत देने पर विचार कर सकती है उत्तराखंड सरकार, सीएम से मिला प्रतिनिधिमंडल
धामों में यात्रियों की संख्या सीमित करने पर ऐतराज जताते हुए इसे समाप्त करने ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराने और स्थानीय निवासियों को पंजीकरण की बाध्यता से बाहर रखने संबंधी मांगें प्रमुखता से उठाई गई हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो: उत्तराखंड में 22 अप्रैल से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा में सरकार कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गंगोत्री व यमुनोत्री के विधायकों की अगुआई में उनसे मिलने आए चारधाम से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में इसके संकेत दिए। इस मौके पर धामों में यात्रियों की संख्या सीमित करने के निर्णय को समाप्त करने, स्थानीय निवासियों को पंजीकरण के दायरे से बाहर रखने समेत अन्य मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गईं।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इन विषयों पर सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी। उधर, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बैठक में इन विषयों पर भी मंथन होगा।
चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी प्रदेश सरकार ने चारों धामों में धारण क्षमता के अनुरूप वहां प्रतिदिन के लिए यात्रियों की संख्या नियत की है। बदरीनाथ में 18000, केदारनाथ में 15000, गंगोत्री में 9000 और यमुनोत्री धाम में 5500 यात्री प्रतिदिन की संख्या का निर्धारण किया गया है। साथ ही यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। अब तक छह लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। यद्यपि, यात्रियों की संख्या सीमित करने और स्थानीय निवासियों को भी पंजीकरण के दायरे में रखने से तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के साथ ही पर्यटन एवं तीर्थाटन गतिविधियों से जुड़े कारोबारियों में नाराजगी है।
इसी कड़ी में विधायक संजय डोभाल (यमुनोत्री) व सुरेश चौहान (गंगोत्री) के नेतृत्व में चार धाम से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत और उत्तराखंड चारधाम होटल एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया। इनमें धामों में यात्रियों की संख्या सीमित करने पर ऐतराज जताते हुए इसे समाप्त करने, ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराने और स्थानीय निवासियों को पंजीकरण की बाध्यता से बाहर रखने संबंधी मांगें प्रमुखता से उठाई गई हैं।
विधायक डोभाल के अनुसार मुख्यमंत्री ने सभी विषयों को गंभीरता से सुना और कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था की जाएगी कि किसी को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। विधायक डोभाल ने बताया कि वार्ता सकारात्मक रही और उम्मीद है मंगलवार को होने वाली चारधाम यात्रा की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री सभी के हित में निर्णय लेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में विधायक डोभाल व चौहान के अलावा उत्तराखंड चार धाम तीर्थ महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल व महासचिव डाॅ. बृजेश सती, उत्तराखंड चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी, गंगोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, रजनीकांत सेमवाल, अनिरुद्ध उनियाल, पंकज शुक्ला, निखिलेश सेमवाल, सोहन सिंह राणा, अभिषेक अहलूवालिया, शैलेंद्र मटूड़ा आदि शामिल थे।
सचिव पर्यटन से भी मिला प्रतिनिधिमंडल
इससे पहले विधायक चौहान व डोभाल की अगुआई में इस प्रतिनिधिमंडल ने पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे से मुलाकात कर अपनी मांगों को उनके समक्ष रखा। पर्यटन सचिव कुर्वे ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने अपनी समस्या बताई है और अब उस पर विचार किया जाएगा।