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चारधाम यात्रा के दौरान न परेशान हो श्रद्धालु, उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन ने उठाया ये कदम

पिछले वर्ष-2022 में यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ ने रिकार्ड तोड़ दिए। इसके कारण बसों की कमी पड़ गई। शुरुआत में सरकार ने निजी बसों के अलावा परिवहन निगम की केवल 60 बसें यात्रा में लगाई गई थी लेकिन यह सभी बसें स्टेज कैरिज परमिट के तहत चल रही थी।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Wed, 08 Feb 2023 10:19 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 10:19 AM (IST)
चारधाम यात्रा के दौरान न परेशान हो श्रद्धालु, उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन ने उठाया ये कदम
चारधाम में बुकिंग पर चलेंगी रोडवेज बसें । जागरण

 अंकुर अग्रवाल l देहरादून: चारधाम यात्रा-2023 में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना को लेकर सरकार ने परिवहन निगम की बसों को निजी बसों की तर्ज पर बुकिंग पर संचालित करने की तैयारी कर ली है। चारधाम यात्रा से पूर्व परिवहन निगम प्रबंधन की ओर से प्रदेश के पर्वतीय मार्गों पर चलने वाली 394 बसों के लिए उत्तराखंड राज्य परिवहन प्राधिकरण से कांट्रेक्ट कैरिज परमिट यानी ठेका परमिट लेने की कसरत शुरू कर दी गई है।

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पिछले वर्ष निगम ने पहली बार बुकिंग पर अपनी बसों का संचालन किया था। चारधाम यात्रा संचालन में परिवहन निगम की बसों का कोरोनाकाल यानी वर्ष 2020 में पहली बार उपयोग किया गया था। यात्री क्षमता 50 प्रतिशत करने पर उस वक्त निजी ट्रांसपोर्टरों ने बस संचालन से हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद वर्ष 2021 की यात्रा में भी परिवहन निगम की बसों का उपयोग तो हुआ था, मगर कोरोना प्रभाव की वजह से यात्रा उस दौरान भी सीमित रही थी।

पिछले वर्ष-2022 में यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ ने रिकार्ड तोड़ दिए। इसके कारण बसों की कमी पड़ गई। शुरुआत में सरकार ने निजी बसों के अलावा परिवहन निगम की केवल 60 बसें यात्रा में लगाई गई थी, लेकिन यह सभी बसें स्टेज कैरिज परमिट के तहत चल रही थी। फुटकर सवारी के साथ यात्रा होने से इन बसों को जाते हुए तो यात्री मिल रहे थे, लेकिन लौटते हुए बसें खाली आ रहीं थी। इसके बाद सरकार से जून में परिवहन निगम की बसों को भी निजी बस की तरह कांट्रेक्ट कैरिज के तहत बुकिंग पर चलाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन इसकी सीमा 30 जून तक होने के कारण परिवहन निगम ज्यादा लाभ नहीं उठा सका।

इस बार परिवहन निगम प्रबंधन ने पहले ही कांट्रेक्ट कैरिज परमिट में बस संचालन की तैयारी शुरू कर दी है। जिससे यात्रा की शुरुआत से ही ठेका वाहन और निजी बसों की तर्ज पर बसों को यात्रियों की बुकिंग के साथ संचालित किया जा सके। यात्रियों को धाम के दर्शन एवं वापस लौटने की बुकिंग एक साथ हो सकेगी।

राज्य परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि जो व्यवस्था पिछले वर्ष जून के मध्य में हुई थी, उसे इस बार यात्रा की शुरुआत के साथ ही लागू करने की तैयारी की जा रही। सरकार के आदेश के अनुसार निगम की बसों को चारधाम यात्रा में लगाया जाएगा।

इन डिपो की हैं 394 बसें

परिवहन निगम के पास पर्वतीय मार्गों पर संचालन की 166 व्हीलबेस की कुल 394 बसें हैं। निगम ने इन सभी बसों को दुरुस्त करने के आदेश दे दिए हैं। इनमें देहरादून के पर्वतीय डिपो समेत ऋषिकेश, हरिद्वार, हरिद्वार ग्रामीण, रुड़की, अल्मोड़ा, कोटद्वार, पिथौरागढ़, लोहाघाट, टनकपुर, काठगोदाम, भवाली, रामनगर, श्रीनगर व रानीखेत डिपो की बसें शामिल हैं।

इन बसों का संचालन प्रतिदिन धाम वार या फिर यात्रा के नोडल अधिकारी की आज्ञा के अनुसार किया जा सकेगा। हालांकि, इसमें शर्त यह भी रहेगी कि प्रदेश के बाकी पर्वतीय मार्गों पर बसों का संचालन प्रभावित न हो।


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