चंपावत घपले की फिर हो सकती है पड़ताल
राज्य ब्यूरो, देहरादून: चंपावत वन प्रभाग में हुए बहुचर्चित घपले की फिर से जांच कराई जा सकती ह
राज्य ब्यूरो, देहरादून: चंपावत वन प्रभाग में हुए बहुचर्चित घपले की फिर से जांच कराई जा सकती है। इसके लिए उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। यह जांच अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक मनोज चंद्रन को सौंपी जा सकती है। तर्क दिया जा रहा कि अन्य पहलुओं को शामिल कर प्रकरण की और गहराई से पड़ताल करा ली जाए। हालांकि, इस मामले में अभी तक कार्रवाई न होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
लीसा ठेकेदार से कथित तौर पर कमीशन मागने का ऑडियो वायरल होने के बाद पिछले साल शासन ने चंपावत के तत्कालीन डीएफओ को वन मुख्यालय संबद्ध कर दिया था। साथ ही वन मुख्यालय ने इस मामले के साथ ही डीएफओ के छह साल के कार्यकाल के दौरान चंपावत वन प्रभाग में हुए कायरें की जाच वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी को सौंपी।
आइएफएस चतुर्वेदी ने इस साल जनवरी में अपनी रिपोर्ट वन मुख्यालय और शासन को सौंप दी थी। इसमें में चंपावत वन प्रभाग में करोड़ों का घपला उजागर हुआ था। इसके बाद शासन स्तर पर मामले में तत्कालीन डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई की बात भी हुई, लेकिन मामला फाइलों में उलझकर रह गया। इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने भी मामले के संज्ञान लेकर जांच रिपोर्ट तलब की थी।
अब इस प्रकरण की फिर से जांच कराने की तैयारी चल रही है। सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा कि जांच में कुछ अन्य बिंदुओं को भी शामिल कर गहनता से पड़ताल करा ली जाए। साथ ही तत्कालीन डीएफओ का पक्ष भी सुन लिया जाए। गौरतलब है कि तत्कालीन डीएफओ की ओर से पूर्व में यह बात रखी गई थी कि उनका पक्ष नहीं सुना गया।