बर्फ का टीला गिरने से चकराता-त्यूणी हाईवे बंद
बर्फबारी के चलते 17 दिनों तक बंद पड़ा चकराता-त्यूणी हाईवे दो दिन खुला रहने के बाद गुरुवार को हल्की बर्फबारी होने पर फिर से बंद हो गया।
By Edited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 03:28 PM (IST)
संवाद सूत्र, त्यूणी: बर्फबारी के चलते 17 दिनों तक बंद पड़ा चकराता-त्यूणी हाईवे दो दिन खुला रहने के बाद गुरुवार को हल्की बर्फबारी होने पर फिर से बंद हो गया। लोखंडी के पास पहाड़ से बर्फ का टीला गिरने से हाईवे पर वाहनों का संचालन दिनभर ठप रहा। जिससे सड़क के बीच बीस से ज्यादा वाहन आधे रास्ते में फंस गए। लोगों ने स्थानीय प्रशासन व लोनिवि एनएच खंड डोईवाला से लोखंडी के पास सड़क पर जमा बर्फ को हटाने की मांग की है। कई लोग वाहनों को वापस मोड़कर वाया मीनस के रास्ते 90 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर कालसी-विकासनगर पहुंचे। बर्फबारी प्रभावित जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में बसे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों हुई भारी बर्फबारी से लोखंडी, कोटी-कनासर व जाड़ी के पास बंद पड़े चकराता-त्यूणी हाईवे को लोनिवि एनएच खंड डोईवाला ने जेसीबी व स्नो कटर मशीन लगाकर दो दिन पहले सुचारू कराया। लेकिन गुरुवार को मौसम खराब होने से लोखंडी के पास पहाड़ी से बर्फ का बड़ा टिला गिरकर सड़क के बीच आ गया। जिससे हाईवे फिर से बंद हो गया। गुरुवार सुबह कालसी-चकराता से त्यूणी की तरफ और त्यूणी, हनोल, रोहडू-हिमाचल से विकासनगर-देहरादून की ओर आने-जाने वाले कई वाहन लोखंडी के पास आधे रास्ते में फंस गए। त्यूणी से विकासनगर लौट रही संचार निगम की टीम लोखंडी के पास हाईवे बंद होने से बीच रास्ते में अटक गई। लोगों के शिकायत करने पर हाईवे खोलने को शाम पांच बजे तक लोनिवि एनएच खंड डोईवाला ने जेसीबी व स्नो कटर मशीन मौके पर नहीं भेजी। जिससे आधे रास्ते में फंसे कई लोग वाहनों को वापस मोड़कर वाया मीनस व क्वानू होकर 90 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर किसी तरह कालसी-विकासनगर पहुंचे। लोगों का कहना एनएच खंड को बर्फबारी प्रभावित ऊंचे इलाकों में हाईवे खोलने के लिए जेसीबी व स्नो कटर मशीन लोखंडी, जाड़ी व कोटी-कनासर के बीच रखनी चाहिए। जिससे जनता को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं झेलनी पड़े। पांच मोबाइल टावर ठप होने से नेटवर्क फेल: मौसम बिगड़ने से जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में लगे पांच मोबाइल टावर सुबह से ठप है। बिजली नहीं होने और तेल की कमी से चिल्हाड़, लोहारी, त्यूना, डांडा व सैंज-तराणू में लगे पांचों टावर काम नहीं कर रहे। नेटवर्क फेल होने से दूरस्थ क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने ऊर्जा निगम व संचार निगम अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्र में बिजली व नेटवर्क व्यवस्था जल्द चालू करने की मांग की है।
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