केंद्र सरकार ने आबादी वाले इलाकों में जंगली सूअर मारने की मंजूरी दी
केंद्र ने प्रदेश सरकार को उत्तराखंड के आबादी वाले इलाकों में फसलों का नुकसान करने वाले जंगली सूअर को मारने की मंजूरी दे दी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्र ने प्रदेश सरकार को उत्तराखंड के आबादी वाले इलाकों में फसलों का नुकसान करने वाले जंगली सूअर (सस स्क्रोफा) को पीड़क जंतु (वर्मिन) घोषित करते हुए मारने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह निर्णय राज्य के वन क्षेत्र में लागू नहीं किया जाएगा।
उत्तराखंड में जंगली सूअर आतंक मचाए हुए हैं। ये जंगली सूअर वनों से बाहर आकर बड़े पैमाने पर खेती-बाड़ी को नष्ट करने के साथ ही जीवन और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनको मारने पर प्रतिबंध लगा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र लिखकर आबादी में आकर फसलों व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सूअरों प्रतिबंधित अनुसूची से बाहर कर दिया है। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि वन क्षेत्र में जंगली सूअर प्रतिबंधित अनुसूची में शामिल रहेंगे।
यहां किया गया प्रतिबंधित सूची से बाहर
- नैनीताल- नैनीताल, रामनगर, कालाढूंगी और हल्द्वानी
- ऊधमसिंह नगर- काशीपुर और जसपुर
- अल्मोड़ा-अल्मोड़ा, सोमेश्वर, द्वारहाट, चौखुटिया, सल्ट, रानीखेत, भनौली, जैंती और भिकियासैंण
- बागेश्वर-बागेश्वर, कपकोट, कंडा और गरुड़
- चंपावत-चंपावत की सभी तहसीलें
- पिथौरागढ़- पिथौरागढ़ की सभी तहसीलें
- उत्तरकाशी- उत्तरकाशी की सभी तहसीलें
- टिहरी- टिहरी की सभी तहसीलें
- गढ़वाल - पौड़ी, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, धुमाकोट, थलीसैण, सतपुली, लैंसडौन, यमकेश्वर और कोटद्वार
- रुद्रप्रयाग- रुद्रप्रयाग, जखोली और ऊखीमठ
- चमोली- जोशीमठ, दशोली, घाट, कर्णप्रयाग, पोखारी, थारनी और गैरसैंण
- देहरादून- देहारदून, ऋषिकेश, विकासनगर और चकराता
- हरिद्वार- हरिद्वार, रुड़की, लक्सर और भगवानपुर
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