एनआरसी पर भ्रमित कर रही केंद्र सरकार
संयुक्त जन सम्मेलन में विपक्षी दलों वामपंथी पार्टियों व स्वयं सेवी संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
संयुक्त जन सम्मेलन में विपक्षी दलों, वामपंथी पार्टियों व स्वयं सेवी संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। वक्ताओं ने कहा कि देश में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी, मंदी और गरीबी है, लेकिन सरकार अनावश्यक बातों को तूल देकर लोगों को मुद्दे से भटका रही है। तीस जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के मौके पर इसके खिलाफ गांधी पार्क में रैली निकाली जाएगी।
परेड ग्राउंड स्थित हिदी भवन के सभागार में आयोजित संयुक्त जन सम्मेलन में काग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों को छोड़कर केंद्र सरकार वह सभी काम कर रही है, जिससे समाज को धर्म और जाति के आधार पर बांटा जा सके। जेएनयू में जिस तरह का माहौल बनाया गया, वह इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। जबकि सरकार को विकास व देशहित के लिए सोचना चाहिए। सम्मेलन का संचालन करते हुए चेतना आदोलन के शकर गोपाल ने कहा कि सरकार बुनियादी सवालों के जवाब देने से बच रही है। एनआरसी लागू होने और एनपीबार बनने के बाद आम लोगों के लिए कई मुसीबत शुरू हो जाएंगी। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि सरकार जो नागरिकता संशोधन बिल लाई है। उसका उद्देश्य दूसरे देशों से आए लोगों को नागरिकता देने से ज्यादा देश के अंदर साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करना है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
इससे पूर्व जन सम्मेलन की शुरुआत सतीश धौलाखंडी ने हम कागज नहीं दिखाएंगे., हम सारी दुनिया मागेंगे.जनगीत से भी लोगों ने विरोध दर्ज कराया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ.वीरेंद्र पैन्यूली, भाकपा के राज्य सचिव समर भंडारी, सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीएस सचान, उत्तराखंड महिला मंच और स्वराज अभियान की कमला पंत, दौलत कुंवर, परिवर्तनकामी छात्र संगठन से कैलाश ने संबोधित किया।