देहरादून पहुंचे मध्य कमान के जीओसी ले. जनरल योगेंद्र डिमरी, कैंट बोर्ड व मिलिट्री अस्पताल का किया दौरा, सीएम से भी मिले
सेना की मध्य कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग (जीओसी इन सी) ले. जनरल योगेंद्र डिमरी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर दून पहुंचे हैं। बीती एक अप्रैल को मध्य कमान के जीओसी का पदभार संभालने के बाद उनका यह पहला दून दौरा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: सेना की मध्य कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग (जीओसी इन सी) ले. जनरल योगेंद्र डिमरी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर दून पहुंचे हैं। बीती एक अप्रैल को मध्य कमान के जीओसी का पदभार संभालने के बाद उनका यह पहला दून दौरा है। उत्तर भारत एरिया के जीओसी ले. जनरल एसएस महल भी उनके साथ दौरे में शामिल हैं। गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय पहुंचने पर सैन्य अधिकारियों व जवानों ने ले. जनरल डिमरी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस दौरान सब एरिया मुख्यालय के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री ने उन्हेंं सब एरिया द्वारा प्रदेश मेें संचालित ऑरपेशनल व प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी दी। सेना के सेवानिवृत्त सैनिकों व सैनिकों के परिजनों के वेलफेयर के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए किस तरह के एहतियाती कदम उठाए गए हैं। इस दौरान सैन्य प्रबंधन के जन सामान्य की मदद, जरूरी चिकित्सका उपकरणों की आपूॢत आदि की जानकारी भी उन्होंने जीओसी इन सी को दी। इसके बाद मध्य कमान के जीओसी ने देहरादून कैंट बोर्ड व सेना अस्पताल का निरीक्षण भी किया। बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की।
यह भी पढ़ें-उत्तराखंड : 45 विधानसभा क्षेत्रों में निकलेगी गौरा देवी पर्यावरण यात्रा
पहाड़ी उत्पादों को ठोस नीति की पहल
श्रीनगर गढ़वाल: हिमालयी क्षेत्र में उत्पादित होने वाले एग्रो इकोलाजी प्रोडक्ट के उत्पादन को बढ़ाने और उनकी मार्केङ्क्षटग को लेकर अब विषय विशेषज्ञों की ओर से ठोस नीति बनाने की पहल की जा रही है। जिसके लिए इंडियन हिमालयन सेंट्रल यूनिवर्सिटी कसोरटियम (आइएचसीयूसी) और भारत सरकार के नीति आयोग की ओर से शुक्रवार को एक वेबिनार का आयोजन भी किया जा रहा है। आइएचसीयूसी की अध्यक्ष और गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की पहल पर आयोजित हो रहे इस वेबिनार में हिमालयी क्षेत्र के राज्यों के विषय विशेषज्ञ और सरकार के उच्चाधिकारी पहाड़ी उत्पादों की मार्केङ्क्षटग को और बेहतर तथा प्रभावी बनाने को लेकर विशेष रूप से कार्ययोजना बनाने पर विचार करेंगे। गढ़वाल केंद्रीय विवि की ओर से स्थानीय उत्पादों को बढ़ाने और उससे स्थानीय लोगों के जीविकोपार्जन में सहयोगी बनने को लेकर प्रथम चरण में खिर्सू क्षेत्र में कीवी फल उत्पादन को बढ़ाने की कार्ययोजना भी अमल में लाई जा रही है। विश्वविद्यालय की फैकल्टी डा. तेजपाल को इस कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा दिया गया है। शुक्रवार को वेबिनार में डा. तेजपाल कीवी उत्पाद कार्ययोजना को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से प्रजेंटेशन भी देंगे।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड : प्राइवेट छात्रों को रेगुलर की तर्ज पर मिलेंगे अंक, पढ़िए पूरी खबर
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें