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माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म

संवाद सहयोगी, विकासनगर: सोमवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई यमुना कॉलोनी डाकपत्

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 07:59 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 07:59 PM (IST)
माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म
माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म

संवाद सहयोगी, विकासनगर: सोमवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई यमुना कॉलोनी डाकपत्थर में मातृ-पितृ दिवस मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने अपने अभिभावकों का रोली चंदन लगाकर स्वागत किया। साथ ही माता-पिता की सेवा करने का संकल्प लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य विजय बडोनी ने कहा कि माता-पिता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। माता-पिता का रिश्ता हर रिश्ते से बड़ा होता है। कहा कि जिस परिवार में माता-पिता व अन्य बुर्जुगों का सम्मान होता है, उस परिवार के सदस्यों में संस्कार होते हैं जो उन्हें जिम्मेदारियों के अहसास से बांधे रखते हैं। कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं ने नाटकों के माध्यम से टूटते परिवारों की व्यथा बताई।

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प्रधानाचार्य बडोनी ने कहा कि परिवारों में संस्कार होना जरूरी है। भौतिकवाद के इस युग में प्रत्येक व्यक्ति आत्मकेंद्रित हो रहा है। सिर्फ खुद तक ही सीमित रहने से परिवार टूट रहे हैं, जिससे सामाजिक विकृतियां पैदा हो रही हैं। कहा कि परिवार में बच्चों को संस्कार दिए जाने जरूरी हैं। खासकर माता-पिता के सम्मान व सेवा के लिए बच्चों को बचपन से ही प्रेरित किया जाना चाहिए। जिससे परिवार की वास्तविकता बनी रहे। उन्होंने अभिभावकों को अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने की सलाह दी। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपने माता-पिता का रोली चंदन लगाकर स्वागत किया। इस दौरान विद्यालय के अध्यक्ष सरबंश ¨सह, चंद्रभान गुप्ता, रणवीर ¨सह, सुरेश कुमार सहगल, वेद ¨सह, जवाहर ¨सह, नीतू शर्मा, कमला जोशी, तपेंद्र, कमलेश चंदन, कालिका, दीपक, हरीश थपलियाल आदि मौजूद रहे।


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