सीनियर बैंक मैनेजर 40 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार
सीबीआइ ने पीएनबी के सीनियर मैनेजर राजकुमार को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: सीबीआइ ने पीएनबी के सीनियर मैनेजर राजकुमार को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पांच लाख रुपये के मुद्रा लोन को पास कराने के लिए उसने यह रकम मांगी थी। आरोपित से पूछताछ के बाद सीबीआइ ने उसके घर और अन्य स्थानों पर छापेमारी की, जहां से कई दस्तावेज भी सीबीआइ के हाथ लगे हैं।
दून के भुड्डी गांव निवासी सीमेंट कारोबारी कुणाल शर्मा ने कुछ समय पहले फूलचंद नारी शिल्प इंटर कालेज के पास स्थित पीएनबी की शाखा से पांच लाख रुपये के मुद्रा लोन के लिए आवेदन किया था। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सीनियर बैंक मैनेजर लोन पास करने में अड़चने लगाने लगा। दो दिन पहले कुणाल ने जब लोन को बिजनेस के लिए जरूरी बताया तो सीनियर मैनेजर ने कहा कि जल्दी लोन पास कराना है तो 50 हजार देने होंगे। हालांकि बाद में चालीस हजार में सौदा तय हो गया। शुक्रवार को कुणाल ने सीबीआइ से मामले की शिकायत की।
सीबीआइ के एसपी अखिल कौशिक ने बताया कि जांच में मामला सही पाया गया। शनिवार को टीम ने बैंक में सीनियर बैंक मैनेजर राजकुमार निवासी आर्यनगर को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। इसके बाद सीबीआइ ने आरोपित के आर्यनगर स्थित घर पर भी छापेमारी की, जहां से कई अहम दस्तावेज सीबीआइ के हाथ लगे। आरोपित को रविवार को विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा। इधर, आरोपी को ट्रैप करने गई सीबीआइ टीम में इंस्पेक्टर सुनित शर्मा, नवनीत मिश्रा, सुनिल लखेड़ा आदि शामिल थे। प्रॉपर्टी की भी जुटाई जा रही जानकारी
सीबीआइ आरोपित सीनियर बैंक मैनेजर के दून और अन्य जगहों पर प्रॉपर्टी, बैंक खातों और बैंक लॉकर आदि भी भी जानकारी जुटा रही है। आरोपित के तैनाती स्थलों और उनके द्वारा कितने लोन पास किए गए, इनको भी जांच के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि आरोपित से जुड़ी कुछ और शिकायतें पहले भी मिली थीं, लेकिन प्रमाण न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी। सीबीआइ आरोपित की कॉल डिटेल भी जुटा रही है। इस साल का पहला मुकदमा
दून सीबीआइ के नाम साल का यह पहला मुकदमा होगा। इससे पहले 2018 में भी सीबीआइ भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। पूरे साल में सीबीआइ आठ मुकदमे दर्ज कर पाई। इसमें भी हाईकोर्ट के आदेश पर दो मुकदमे दर्ज हुए थे।