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पेयजल निगम में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआइ से कराएं जांच: त्रिवेंद्र सिंह पंवार

उक्रांद के संरक्षक और गढ़वाल मंडल प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड पेयजल निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक ने अपने पद पर रहकर जमकर भ्रष्टाचार किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 04:24 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 04:24 PM (IST)
पेयजल निगम में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआइ से कराएं जांच: त्रिवेंद्र सिंह पंवार
पेयजल निगम में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआइ से कराएं जांच: त्रिवेंद्र सिंह पंवार

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के संरक्षक और गढ़वाल मंडल प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड पेयजल निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक ने अपने पद पर रहकर जमकर भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जति की। कहा कि, पूर्व प्रबंध निदेशक के खिलाफ सीबीआइ जांच कराई जानी चाहिए।

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गुरुवार को प्रेस क्लब में हुई पत्रकार वार्ता में पंवार ने आरोप लगाया कि पेयजल निगम के पूर्व एमडी ने अपनी पत्नी व बेटे के नाम पर सोलर पावर जेनरेशन प्राइवेट लिमिटेड फर्म खोली और अपने खातों से पैसे ट्रांसफर करने के लिए बेनामी फर्म खोलकर लाखों रुपये जमा कराए। अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने निविदा आवंटन में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन कर 25 करोड़ के कार्यो का आवंटन किया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 और 2007 में जो भर्ती घोटाला हुआ है, उसमें पूर्व एमडी का ही पूरा हाथ है। पंवार ने आरोप लगाया कि पूर्व एमडी ने नमामि गंगे योजना में भी भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई जांच कराने की संस्तुति करें। पत्रकार वार्ता में केंद्रीय महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय, जयदीप भट्ट और संजय क्षेत्री आदि मौजूद रहे।

कार्मिकों ने आयुध निर्माणी के निजीकरण का किया विरोध

आयुध निर्माणी के कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध करते हुए दोपहर के भोजन का बहिष्कार किया। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार लगातार सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। यह देश हित में नहीं है। ऑर्डनेंस फैक्ट्री इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि गुरुवार को रायपुर स्थित आयुध निर्माणी के कर्मचारियों ने ऑल इंडिया डिफेंस इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर दोपहर के भोजन का बहिष्कार किया। कहा कि केंद्र सरकार की ओर से देश की 41 निर्माणियों को निगम बनाने का फैसला लिया गया है, जिसके बाद इनके निजीकरण की तैयारी की जा रही है। इसके विरोध में कर्मचारियों ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। 

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उन्होंने कहा कि 200 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि देश की रक्षा के लिए हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों का निजीकरण किया जा रहा है, जबकि पूर्व में चार-चार रक्षा मंत्री फेडरेशन को आश्वासन दे चुके हैं कि निर्माणियों का निजीकरण नहीं किया जाएगा। कहा कि, कोविड-19 के प्रकोप के बीच भी निर्माणी कर्मचारियों ने दिन-रात एक कर सैनिटाइजर, मास्क, वेंटिलेटर का बड़े पैमाने पर निर्माण किया और स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराए। उन्होंने बताया कि फेडरेशन के आह्वान पर 12 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी की जा रही है।

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