बीएचईएल के सुपरवाइजर ने सब-स्टैंडर्ड माल को दिखाया उच्च क्वालिटी का, पांच साल की हुई सजा
बीएचईएल में सब-स्टैंडर्ड माल सप्लाई करने के मामले में सीबीआइ कोर्ट की विशेष न्यायाधीश ने बीएचईएल सुपरवाइजर और सप्लायर को दोषी करार देते हुए उन्हें सजा सुनाई है।
देहरादून, जेएनएन। बीएचईएल में सब-स्टैंडर्ड माल सप्लाई करने के मामले में सीबीआइ कोर्ट की विशेष न्यायाधीश सुजाता सिंह ने बीएचईएल सुपरवाइजर और सप्लायर को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें क्रमश: पाच और चार साल की कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही माल सप्लाई करने वाली दिल्ली की दो कंपनियों पर नौ और चार लाख का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआइ अधिवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि शिकायत के बाद आठ मार्च 2010 को रुड़की आइआइटी प्रोफेसर और बीएचईएल की लोकल टीम के साथ सीबीआइ ने बीएचईएल में छापा मारा। इस दौरान वहां सप्लाई किए गए मैटिरियल के नौ सैंपल लिए गए। सैंपलों को एनएमएल जमशेदपुर टेस्टिंग के लिए भेजा गया। जांच में सप्लाई किया गया मैटिरियल सब-स्टेंडर्ड पाया गया। सीबीआइ ने जब जांच की तो सप्लाई किया गया मैटिरियल उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से खरीदा मिला।
सब-स्टैंडर्ड माल को उच्च क्वालिटी का दिखाने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट भी तैयार किए गए थे। जिससे बीएचईएल को करीब 13 लाख, 32 हजार, 998 रुपये का नुकसान हुआ। मामले में 17 मई, 2010 को सीबीआइ ने केस पंजीकृत किया। सप्लायर श्रवण कुमार गुप्ता पुत्र सुरेंद्र कुमार गुप्ता निवासी विवेक विहार, हरिद्वार और सुपरवाइजर आरके कपिल पुत्र रविदत्त निवासी हाउस नंबर 35 विद्या विहार कॉलोनी, कनखल, हरिद्वार के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
मामले में 30 जुलाई 2011 को चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआइ की तरफ से कोर्ट में 23 गवाह पेश किए गए। गुरुवार को सीबीआइ कोर्ट ने सुपरवाइजर आरके कपिल को पाच साल की सजा व 21 हजार रुपये जुर्माना, जबकि श्रवण कुमार को चार साल की सजा व पाच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इन कंपनियों पर लगाया गया जुर्माना सीबीआइ कोर्ट ने दिल्ली की सप्लायर कंपनी एशियन फेरा एलायंस लिमिटेड पर नौ लाख, जबकि दूसरी कंपनी स्टूलिंग मैटालॉजिकल प्राइवेट लिमिटेड पर चार लाख का जुर्माना लगाया।
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