साइबर हमले से बचने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी, इन बातों का रखें ध्यान
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने एसटीएफ को सभी विभागों को साइबर हमले के संभावित खतरे के प्रति जागरूक करने का निर्देश तो दिया ही है।
देहरादून, जेएनएन। विश्व में कोरोना के खतरे के बीच साइबर हमलों का खतरा बढ़ने की भी आशंका है। इसे देखते हुए उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने एसटीएफ को सभी विभागों को संभावित खतरे के प्रति जागरूक करने का निर्देश तो दिया ही है, साथ ही आम जन से चाइनीज एप्लिकेशन के इस्तेमाल में सावधानी और सतर्कता बरतने की भी अपील की है।
इसे देखते हुए एसटीएफ ने सूबे को इस साइबर हमले से सुरक्षित रखने की तैयारी भी शुरू कर दी है, जिसके तहत पुलिस मुख्यालय के माध्यम से सभी जिलों को कंप्यूटर व इंटरनेट प्रयोग करते समय क्या करें और क्या न करें की लिस्ट भेजते हुए इस पर तत्काल अमल करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि, संचार क्रांति के बाद हाल के वर्षों में पुलिस से लेकर तमाम सरकारी महकमों में कंप्यूटर पर ही अधिकांश कार्य हो रहे हैं। इन्हें आपस में जोड़े रखने के लिए इंटरनेट सबसे आवश्यक है। ऐसे में चीन के हैकर्स की ओर से साइबर हमले की जताई गई आशंका को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है। इन सब के बीच उत्तराखंड की सरकारी मशीनरी और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ना भी लाजिमी है। फिलहाल अभी तक उत्तराखंड में साइबर हमले के कोई प्रमाण तो नहीं मिले हैं, लेकिन जिस तरह से हाल के वर्षों में साइबर हमले का दायरा बढ़ता जा रहा है, उससे आने वाले दिनों में खतरे की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
साइबर हमले से बचने को क्या करें
- सरकारी कंप्यूटर पर एनआइसी या जीओवी या विभागीय डोमेन की मेल का प्रयोग करें।
- एंटीवायरस अपडेट करते रहें, ईमेल अकांउट को प्रयोग के बाद लाग आउट कर दें।
- डाक्यूमेंट या फाइल को डाउनलोट करने से पहले स्कैन कर लें।
- सिस्टम का रिमोट डेस्कटॉप कनेक्शन हमेशा डिसेबल मोड में रखें।
साइबर हमले से बचने को क्या न करें
- गोपनीय डाटा जिस कंप्यूटर में संरक्षित हो, उसे इंटरनेट से कनेक्ट न करें।
- सरकारी विभाग या कंपनी के कंप्यूटर पर मूवी, सांग डाउनलोड न करें।
- पासवर्ड परिवर्तित करते समय कभी पुराना पासवर्ड उपयोग न करें।
- स्मार्ट फोन को संवेदनशील डाटा वाले कंप्यूटर से कनेक्ट न करें।
- ईमेल से अवांछनीय लिंक मिलने पर क्लिक न करें।
- ट्रू-कॉलर को मोबाइल या कंप्यूटर में डाउनलोड न करें।
- चाइनीज एप्लिकेशन या प्रोग्राम को इस्तेमाल करने से बचें।
...ये मेसेज आये तो हो जाएं सावधान
एसटीएफ की ओर से सरकारी महकमों को बताया गया है कि यदि उनके कंप्यूटर पर 'उप्स, योर फाइल्स हैव बीन इनक्रिप्टेड' कर मैसेज डिस्पले हो तो समझ जाएं कि उनका सिस्टम साइबर हमले की जद में है। यह मैसेज आने पर तत्काल पुलिस के साइबर सेल या एसटीएफ को सूचना दें, ताकि हमले को आगे बढ़ने से रोका जा सके।
अशोक कुमार (पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था) का कहना है कि राज्य में साइबर हमले को रोकने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। एसटीएफ को निर्देशित किया गया है कि वह सभी विभागों में कार्मिकों को जागरूक करने के साथ आम नागरिकों को भी ख़तरे से निपटने के तरीके बताएं।
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