खराब मशीनों की आपूर्ति में फर्म पर मुकदमा
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग को आपूर्ति की गई 20 हजार ग्रोथ मॉनीट¨रग डिवाइस में से अधिकांश खराब निकलीं।
देहरादून, जेएनएन। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग को आपूर्ति की गई 20 हजार ग्रोथ मॉनीट¨रग डिवाइस में से अधिकांश खराब निकलीं। विभाग ने मशीनें बदलने के लिए नोटिस भेजा, लेकिन फर्म ने चुप्पी साध ली। अब विभाग ने फर्म के खिलाफ प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
विभाग के उप निदेशक डॉ. एसके सिंह की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार इस साल के शुरुआत में ग्रोथ मॉनीट¨रग डिवाइस की आपूर्ति के लिए टेंडर निकाला गया। टेंडर पाने वाली फर्म एप्पल वीइंगिफ्रा लिमिटेड अहमदाबाद ने फरवरी में 20 हजार उपकरण भेज दिए। इनमें स्टेडियोमीटर, इन्फेंटोमीटर, वेईग मशीन इन्फैंट और वेईग स्केल इन्फैंट शामिल थे।
इन उपकरणों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजा गया तो कई में तकनीकी खामी निकली। स्टेडियोमीटर और वेईग स्केल इन्फैंट की संख्या भी कम पाई गई। अगस्त में फर्म को नोटिस भेजकर कम मशीनों की आपूर्ति करने और खराब मशीनें बदलने को कहा गया। फर्म ने इसके लिए 30 सितंबर तक का वक्त मांगा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। एसओ प्रेमनगर धर्मेद्र रौतेला ने बताया कि फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
थर्ड पार्टी की जांच में भी मिली थी खामी महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग मशीनों की थर्ड पार्टी से भी जांच कराई। नियंत्रक विधिक माप विज्ञान खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग देहरादून और कन्फरमिटी इंसपेक्शन सर्विस दिल्ली की ओर से दी गई जांच रिपोर्ट में भी मशीनों में खामी पाई गई थी।
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कुल ग्यारह करोड़ रुपये की लागत से मशीनें खरीदी गई थीं। इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये का फर्म को भुगतान हो चुका है। मशीनों में तकनीकी खामी मिलने के बाद जब फर्म की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला तो उसकी ओर से जमा सिक्योरिटी मनी के एक करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए। अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। झरना कामठान, निदेशक, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग।
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