एसजीआरआर कॉलेज के प्राचार्य पर मुकदमा, फर्जीवाड़े से नियुक्ति पाने का आरोप Dehradun News
एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर शैक्षिक प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी कर प्राचार्य पद पर नियुक्ति पाने का आरोप है।
देहरादून, जेएनएन। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उन पर शैक्षिक प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी कर प्राचार्य पद पर नियुक्ति पाने का आरोप है। इसकी शिकायत कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता डॉ. एसके शर्मा ने की थी।
पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि चकराता रोड निवासी डॉ. एसके शर्मा ने एसजीआरआर पीजी कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि कॉलेज वेबसाइट से प्राप्त बायोडाटा के आधार पर प्राचार्य के 10वीं, 12वीं व स्नातक के शैक्षिक प्रमाणपत्र मेल नहीं खा रहे हैं।
इसके अलावा प्राचार्य ने अपने बायोडाटा में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में एफआरआइ देहरादून में शिक्षण कार्य करना दिखाया है, जबकि निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखंड से प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार कोई भी कार्मिक नियमित सेवा में रहते हुए अन्यत्र कार्य नहीं कर सकता। वहीं, प्राचार्य पीएचडी धारक भी नहीं हैं। प्राचार्य के खिलाफ कई शिकायतें मिलने के बाद शासन ने निदेशक उच्च शिक्षा के माध्यम से जांच कराई। जिसमें पता चला कि प्राचार्य की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है।
उधर, प्रो. वीए बौड़ाई का कहना है कि डॉ. एसके शर्मा पर पहले से चार्ज फ्रेम हैं। एसजीआरआर पीजी कॉलेज में कार्यरत रहने के दौरान से वे मुझसे निजी रूप से दुर्भावना और रंजिश रखते हैं। उन्होंने साजिशन बदले की भावना से गलत केस दर्ज करवाया है। जहां तक मेरे दस्तावेजों का सवाल है, उनसे संबंधित सभी आरोप असत्य व तथ्यहीन हैं। मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। मैं कोर्ट के सामने अपनी बात रखूंगा और डॉ. एसके शर्मा के खिलाफ मानहानि का दावा भी करूंगा।
बिना अनुमति पैराग्लाइडिंग कराती फर्म पकड़ी, ग्लाइडर जब्त
मालदेवता क्षेत्र में बिना अनुमति पैराग्लाइडिंग कराने का मामला सामने आया है। मौके पर पहुंचे जिला पर्यटन कार्यालय के अधिकारियों ने पैराग्लाइडिंग कराने वाली फर्म मैसर्स रेंपल पायलेट्स पैराग्लाइडर्स जब्त कर लिया है। इसके साथ ही फर्म को ब्लैकलिस्टेड करने की संस्तुति पर्यटन निदेशालय को भेज दी गई है।
जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान के अनुसार यह फर्म उत्तराखंड फूटलांच एयरोस्पोर्ट्स (पैराग्लाइडिंग) नियमावली का उल्लंघन कर रही थी, क्योंकि इस फर्म के पास पर्यटन विभाग की ओर से नियमानुसार ली जाने वाली अनुमति नहीं थी। वहीं, संयुक्त निदेशक पर्यटन वीएस चौहान ने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से पैराग्लाइडिंग कराने वाली फर्मों को अनुमति लेनी आवश्यक होती है। अनुमति के लिए आवेदन करते समय यह देखा जाता है कि फर्म के पास उच्च गुणवत्ता के उपकरण हैं, या नहीं।
इसके साथ ही फर्म के पायलटों के दक्षता का भी आकलन किया जाता है। दूसरी तरफ जिस स्थान से पैराग्लाइडिंग कराई जा रही है, उसकी ऊंचाई आदि भी मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। यह सब तभी संभव है, जब फर्म नियमानुसार अनुमति प्राप्त करे। उधर, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप जावलकर ने निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश में साहसिक क्रियाकलाप और यात्रा व्यवसाय करने वाली फर्मों का सत्यापन कर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
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