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देहरादून में दहेज उत्पीड़न के मामले में पति समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज

देहरादून में एक महिला ने ससुराल पक्ष पर दहेज उत्‍पीड़न का आरोप लगाया है। इस पर पुलिस ने पति समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामला देहरादून के नेहरू कालोनी थाना क्षेत्र का है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 02:17 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 05:39 PM (IST)
देहरादून में दहेज उत्पीड़न के मामले में पति समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज
देहरादून में दहेज उत्पीड़न के मामले में पति समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज।

जागरण संवाददता, देहरादून। मोथरोवाला निवासी एक महिला ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न और पति पर अप्राकृतिक संबंध बनाने का भी आरोप लगाया है। नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने पति समेत चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है।

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पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार, महिला की शादी दो दिसंबर 2015 को सिद्धार्थ चौहान निवासी गाजियाबाद के साथ हुई थी। आरोप है कि पति, ससुर श्रीपाल चौहान, सास मंजू, देवर संदीप चौहान शादी के दो दिन बाद कम दहेज लाने की बात कहते हुए ताने देने लगे। उससे क्रेटा कार और 20 लाख रुपये की मांग करने लगे। जिससे मना करने पर बात-बात पर प्रताड़ि‍त करना शुरू कर दिया। महिला ने आरोप लगाया है कि पति के किसी अन्य महिला से संबंध हैं। विरोध करने पर पीटा भी गया। गर्भवती होने पर भी प्रताड़ि‍त किया जाता रहा। कुछ माह पूर्व महिला को घर से निकाल दिया गया। दहेज नहीं लाने पर जान से मारने की धमकी दी गई।

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गोल्डन फारेस्ट की जमीनों पर फिर किए जाने लगे कब्जे

सरकार के नियंत्रण वाली गोल्डन फारेस्ट कंपनी की जमीनों पर फिर से कब्जा करने के मामले सामने आने लगे हैं। मंडलायुक्त गढ़वाल कार्यालय के संज्ञान में आया है कि देहरादून में तहसील सदर के ग्राम अस्थल में गोल्डन फारेस्ट की 1.77 हेक्टेयर भूमि पर कुछ लोग कब्जा कर रहे हैं। इस पर मंडलायुक्त रविनाथ रमन ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए हैं।

मंडलायुक्त की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक, अस्थल में खसरा नंबर 29 (नया नंबर 22) की भूमि संबंधित भूमिधरों ने वर्ष 1995 में गोल्डन फारेस्ट को बेच दी थी। अब यह समस्त भूमि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकार के नियंत्रण में है और कंपनी के विभिन्न भूमि के टुकड़ों के प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में गतिमान हैं। लिहाजा, कोर्ट के आदेश के क्रम में संबंधित जमीन पर राज्य सरकार और कंपनी को कब्जा प्राप्त होना है। इस सबके बीच कुछ लोग अस्थल की भूमि को दोबारा बेचने का प्रयास कर रहे हैं। बहुत संभव है कि ऐसी भूमि की रजिस्ट्री कराकर आमजन के साथ धोखाधड़ी भी कर दी जाए।

मंडलायुक्त के आदेश के बाद जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने प्रकरण को तहसील सदर को जांच के लिए भेज दिया है। तहसीलदार दयाराम के मुताबिक क्षेत्र के लेखपाल से जांच कराई जा रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को जल्द रिपोर्ट भेज दी जाएगी।


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