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कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऊर्जा निगम के कैश काउंटर 31 तक के लिए बंद

कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने राज्य के सभी कैश काउंटरों को 31 मार्च तक बंद कर दिया है।

By Edited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2020 07:06 AM (IST)
कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऊर्जा निगम के कैश काउंटर 31 तक के लिए बंद
कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऊर्जा निगम के कैश काउंटर 31 तक के लिए बंद

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने राज्य के सभी कैश काउंटरों को बंद कर दिया है। साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय भी बंद कर दिए गए हैं। केवल विद्युत उपकेंद्र पर ऑपरेशनल स्टाफ ही मौजूद रहेगा। लॉकडाउन की अवधि के दौरान केवल विद्युत आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं पर ही कार्रवाई की जाएगी।

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निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी लॉकडाउन अवधि के दौरान ऑन ड्यूटी माने जाएंगे, जरूरत पड़ने पर उन्हें कभी भी ऑफिस बुलाया जा सकता है। उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से कम निकलें, इसके लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। 

इस कड़ी में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने विद्युत उपभोक्ताओं से ऑनलाइन विद्युत बिल का भुगतान करने की अपील की है। एमडी ने कहा कि 31 मार्च तक उत्तराखंड के सभी कैश काउंटर बंद रहेंगे। सोमवार को जारी दिशानिर्देश में प्रबंध निदेशक ने कहा कि इस दौरान निगम के सभी क्षेत्रीय कार्यालय भी बंद रहेंगे। 

अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति जिस स्थान पर है वह वहा अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे। ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कभी भी दफ्तर बुलाया जा सके। एमडी ने कहा कि अभी हमारी प्राथमिकता 24 घटे विद्युत आपूर्ति बहाल रखने की है। इसलिए सभी विद्युत उपकेंद्र खुले हुए हैं, लेकिन वहा केवल ऑपरेशनल स्टाफ ही मौजूद रहेगा। उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी सब स्टेशनों पर मास्क और सेनिटाइजर रखे गए हैं। 

विलंब शुल्क पर यूइआरसी को भेजेंगे पत्र 

कैश काउंटर बंद होने की 31 मार्च तक जिन उपभोक्ताओं के विद्युत बिल के भुगतान की अंतिम तारीख है। उन पर विलंब शुल्क लगना तय है। हांलाकि, महामारी और आपदा के समय इसमें छूट का प्रावधान होता है, लेकिन इस पर निर्णय का अधिकार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को है। ऐसे में विलंब शुल्क ना लगाने के संबंध में निगम उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग से पत्राचार करेगा। यूपीसीएल के प्रवक्ता चीफ इंजीनियर एके सिंह ने बताया कि आपदा के समय इस तरह के निर्णय लेने का अधिकार नियामक आयोग के पास होता है। इसलिए वह इस संबंध में लॉकडाउन खत्म होने के बाद यूईआरसी को पत्र भेजेंगे। वहां से जो दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे उसके अनुसार कदम उठाए। 

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12 मिलियन यूनिट कम खर्च हुई बिजली 

उत्तराखंड में लॉकडाउन से ऊर्जा की खपत में रविवार को 12 मिलियन यूनिट की गिरावट दर्ज की गई। निगम इस बात से सुकून में है कि लॉकडाउन के दौरान लोड फैक्टर रोज की अपेक्षा कम होने से फाल्ट में कमी आएगी और लोगों के साथ निगम को भी कम भागदौड़ करनी पड़ेगी। दअरसल, देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में रविवार से लॉकडाउन है। औद्योगिक इकाइयों से लेकर शॉपिंग मॉल, होटल और सरकारी दफ्तर समेत तमाम निजी कार्यालय बंद पड़े हैं। इसके चलते आम दिनों में राज्य में जहा हर दिन 34 से 35 मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती थी, वहीं रविवार को साढ़े 22 मिलियन यूनिट बिजली ही उपयोग हुई। इससे लाइनों पर लोड कम रहा और फाल्ट भी बेहद कम हुए। इससे निगम के राजस्व में कमी आएगी, लेकिन अफसर इस बात से संतुष्ट हैं कि लोड फैक्टर कम होने से कोरोना के चलते बिजली की आवश्यकता पड़ने कहीं से दिक्कत नहीं होगी। 

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