कैंट बोर्ड की टीम ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्लॉटिंग कर बनाए भवन को तोड़ा
देहरादून कैंट बोर्ड में सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग का मामला सामने आया है। कैंट बोर्ड की टीम ने भूखंड बेचने के लिए बनाए गए कार्यालय के भवन को ध्वस्त किया।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून कैंट बोर्ड में सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग का मामला सामने आया है। कैंट बोर्ड की टीम ने शनिवार को इस पर कार्रवाई करते हुए भूखंड बेचने के लिए बनाए गए कार्यालय के भवन को ध्वस्त किया।
कैंट बोर्ड को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि प्रेमनगर के पास पेट्रोल पंप के पीछे केहरी गांव क्षेत्र में 35 से अधिक बीघा पर अवैध प्लॉटिंग की गई है। इसके तहत की यह सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत आता है और यहां निर्माण कार्य प्रतिबंधित हैं। शनिवार को पुलिस बल के साथ अवैध प्लॉटिंग स्थल पर पहुंची बोर्ड की टीम ने जेसीबी से पूरे भवन को ध्वस्त कर दिया। कैंट बोर्ड की सीईओ तनु जैन ने बताया कि यहां पर न सिर्फ अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी, बल्कि भूखंड की बिक्री भी शुरू कर दी गई थी। इसके लिए बनाए गए भवन को तोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि दोबारा अवैध प्लॉटिंग पाई गई, तो इसे सील कर दिया जाएगा।
सैकड़ों पेड़ काटे जाने की बात आई सामने
क्षेत्र में पहुंची कैंट बोर्ड की टीम ने पाया कि अवैध प्लॉटिंग के लिए भूखंड पर खड़े किए गए सैकड़ों पेड़ों को काट दिया गया है। इसमें आम के तीन दर्जन के करीब पेड़ शामिल हैं। इसकी सूचना वन विभाग को भी दी जा रही है। साथ ही पुलिस को भी सूचित कर दिया गया है।
कैंट बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल
यह बात भी सामने आ रही है कि कैंट बोर्ड को काफी समय पहले से इस अवैध प्लॉटिंग की जानकारी थी। महज कुछ औपचारिकताओं के अलावा अब तक बोर्ड अधिकारी प्रभावी कार्रवाई से बच रहे थे। बताया जा रहा है कि आर्मी हेडक्वार्टर में तैनात कर्नल रैंक के एक अधिकारी की शिकायत पर बोर्ड को यह कार्रवाई करनी पड़ी। दूसरी तरफ अवैध रूप से पेड़ों के कटान के मामले में वन विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई से बच रहे हैं।
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सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण, डीएम से गुहार
प्रेमनगर क्षेत्र के कुछ लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर प्रेमनगर क्षेत्र में कैंट बोर्ड की शह पर अवैध निर्माण का आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि एचडीएफसी बैंक के सामने सरकारी भूमि पर एक भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसकी शिकायत कैंट बोर्ड सीईओ से किए जाने पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने प्रकरण में जिलाधिकारी से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई।
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