Cantonment Council Dehradun Election: छावनी परिषद में लॉटरी से तय हुआ महिला आरक्षण, पढ़िए पूरी खबर
छावनी परिषद देहरादून में आगामी चुनाव के लिए महिला आरक्षण की तस्वीर साफ हो गई है। कैंट बोर्ड कार्यालय में महिला आरक्षित वार्ड के लिए लॉटरी निकाली गई।
देहरादून, जेएनएन। छावनी परिषद देहरादून में आगामी चुनाव के लिए महिला आरक्षण की तस्वीर साफ हो गई है। कैंट बोर्ड कार्यालय में महिला आरक्षित वार्ड के लिए लॉटरी निकाली गई। जिसके बाद वार्ड नंबर दो, चार व पांच महिला सभासदों के लिए आरक्षित किए गए हैं। जबकि वार्ड तीन पहले ही एससी के लिए आरक्षित हो चुका है।
अगले वर्ष 10 फरवरी को देशभर की 56 छावनियों का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। जिसके बाद उत्तराखंड में स्थित नौ छावनी परिषदों में भी चुनाव होंगे। छावनी परिषद देहरादून प्रदेश में ए श्रेणी का एकमात्र कैंट है। इसके तहत गढ़ी-डाकरा व प्रेमनगर क्षेत्र के आठ वार्ड हैं। कैंट इलेक्शन एक्ट के अनुसार महिला वार्ड का चयन जनता के सामने पर्ची सिस्टम से होता है। गुरुवार को छावनी परिषद के अध्यक्ष व उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय के डिप्टी जीओसी मेजर जनरल नीरज गुसाईं व छावनी परिषद की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन की अध्यक्षता में लॉटरी निकाली गई।
वर्तमान में वार्ड नंबर छह, सात और आठ महिला आरक्षित हैं। ये वार्ड इस बार लॉटरी में शामिल नहीं किए गए। वार्ड नंबर एक, दो, चार व पांच में पर्ची निकाली गई। लॉटरी के आधार पर वार्ड दो, चार व पांच महिला आरक्षित हुए। वहीं वार्ड नंबर एक, छह, सात व आठ सामान्य रहेंगे। वार्ड नंबर तीन एससी के लिए आरक्षित है। लॉटरी प्रक्रिया के दौरान छावनी परिषद के अधिकारियों के अलावा कांग्रेसी नेता अनिल ग्रोवर, भाजपा नेता विक्की खन्ना, सुमित खन्ना, रविन्द्र राणा, महेश शर्मा, अमनदीप सिंह, हिमांशु गोगिया, केके कश्यप, राजीव पुंज आदि भी मौजूद रहे।
कैंट बोर्ड कचरे से बनाएगा जैविक खाद
छावनी परिषद देहरादून ने कूड़ा निस्तारण का समाधान ढूंढ लिया है। कैंट बोर्ड ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़े कचरे से जैविक खाद तैयार करेगा। इसके लिए दिल्ली की कंपनी को ठेका दिया गया है। कंपनी ने प्रेमनगर ट्रेंचिंग ग्राउंड में प्लांट बनाया है। गुरुवार को कैंट बोर्ड की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन ने ट्रेंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया।
छावनी परिषद देहरादून के लिए कूड़ा निस्तारण वर्षों से चुनौती बना हुआ था। वर्तमान में कैंट बोर्ड के दो ट्रेंचिंग ग्राउंड हैं। एक प्रेमनगर और दूसरा टपकेश्वर क्षेत्र में। इनमें प्रतिदिन 80-90 टन कूड़ा जमा होता है। ये ट्रेंचिंग ग्राउंड फुल हो चुके हैं। कूड़ा निस्तारण के लिए कैंट बोर्ड ने नगर निगम से बातचीत की थी, लेकिन नगर निगम ने भी कैंट का कूड़ा अपने ट्रेंचिंग ग्राउंड में ले जाने और निस्तारण से हाथ खड़े कर दिए। एनजीटी ने भी कैंट को कूड़ा निस्तारण को लेकर आदेश दिए हैं। जिसका समाधान कैंट बोर्ड ने तलाश लिया है।
मुख्य अधिशासी अधिकारी ने बताया कि कूड़ा निस्तारण प्लांट का कार्य प्रगति पर है। उक्त प्लांट को संचालित करने के लिए 65 किलोवाट बिजली के कनेक्शन को ट्रेंचिंग ग्राउंड में ट्रांसफारमर के माध्यम से जोड़ा गया है। अगले कुछ वक्त में प्लांट कार्य करने लगेगा। निरीक्षण में ऊर्जा निगम से अवर अभियंता रेनू कुमारी, छावनी परिषद के स्वच्छता अधीक्षक नरेंद्र कुमार, स्वच्छता निरीक्षक मनोज कुमार बिष्ट, कार्यवाहक सफाई नायक विनोद कुमार, प्लांट सुपरवाइजर गुड्डू कुमार आदि मौजूद रहे।
वेस्ट वॉरियर की टीम के साथ बैठक
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के लिए भी कैंट बोर्ड ने कमर कस ली है। इसी क्रम में वेस्ट वॉरियर की टीम के साथ कैंट कार्यालय में बैठक की गई। जिसमें सभी कर्मचारियों को स्वच्छता कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
बजट की आस लिए दिल्ली पहुंचे कैंट सभासद
छावनी परिषद देहरादून में बजट के अभाव में विकास कार्य लटके हुए हैं। ऐसे में छावनी परिषद के निर्वाचित सभासदों ने दिल्ली का रुख किया है। टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के नेतृत्व में सभासद विनोद पंवार व कमलराज ने गुरुवार को दिल्ली में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
सभासदों ने रक्षा राज्यमंत्री को बताया कि छावनी परिषद देहरादून में बजट की भारी कमी बनी हुई है। इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है। हाउस टैक्स व अन्य संसाधनों से जितना राजस्व प्राप्त हो रहा है, उससे पूरी तरह विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि छावनी परिषद के लिए नियमित बजट उपलब्ध कराया जाए। विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की भी मांग उन्होंने रखी। ताकि कार्य सतत रूप से चलते रहें। छावनी क्षेत्र अंतर्गत प्रेमनगर में सीवर लाइन बिछाने के लिए भी बजट आवंटित करने की मांग की है।
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कहा कि इस बावत बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर मध्य कमान को भेजा जा चुका है। सभासदों ने कहा कि नगर निगम, नगर पालिका व अन्य निकायों की तरह प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कैंट क्षेत्र में रहने वाली जरूरतमंद सिविल आबादी को नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा ऐसा प्रावधान किया जाए कि कैंट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी आवास योजना का लाभ मिल सके। रक्षा राज्यमंत्री ने सभासदों को सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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