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निकाय चुनाव: महापौर-पालिकाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का शपथ पत्र रहेगा ऑनलाइन

अब महापौर और पालिकाध्यक्ष के प्रत्याशियों का शपथ पत्र भी ऑनलाइन रहेगा। यह व्यवस्था निकायवार की जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 03:19 PM (IST)
निकाय चुनाव: महापौर-पालिकाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का शपथ पत्र रहेगा ऑनलाइन
निकाय चुनाव: महापौर-पालिकाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का शपथ पत्र रहेगा ऑनलाइन

देहरादून, [जेएनएन]: राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का शपथ पत्र ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए हैं। यह व्यवस्था निकायवार की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन टीम का गठन कर जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी सूचना आयोग को भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। 

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राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार निकाय चुनावों की हर गतिविधि को ऑनलाइन किए जाने पर जोर दिया है। इसी कड़ी में आयोग ने समस्त जिलाधिकारी-जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम में महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल होने के बाद उनकी संपत्ति से लेकर दूसरी अन्य जानकारी जन सामान्य के सूचनार्थ ऑनलाइन की जाए। इसके लिए प्रत्येक निकाय स्तर पर नामांकन और परिणाम ट्रांसमिशन टीम गठित करने के निर्देश दिए। 

यह टीम प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन करने वाले प्रत्याशी का शपथ पत्र ऑनलाइन करेगी। इसमें तकनीकी विभागों के इंजीनियरों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने सूची को ऑनलाइन करने के अलावा निर्वाचन कार्यालय के बाहर सूचना पट्ट पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि सूचनाओं की जानकारी जन सामान्य को मिल सके। इस कार्य के लिए सभी जिलों में नोडल अधिकारी नामित करने को कहा गया है। ताकि इस कार्य को सकुशल संपादित किया जा सके। 

एमटी का प्रशिक्षण 25 से 

निकाय चुनाव में मतदान से लेकर मतगणना कार्य को संपन्न कराने वाले कार्मिकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मास्टर ट्रेनरों को 25 अक्टूबर को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद एमटी अन्य कार्मिकों को प्रशिक्षित करेंगे। यह प्रशिक्षण जिला कलक्ट्रेट सभागार में होगा। 

ग्रामीण क्षेत्रों की एनओसी पर आयोग भी चूका 

निकाय चुनाव की अधूरी तैयारियां रह रहकर सामने आ रही हैं। नामांकन पत्रों की बिक्री में दो दिन के विलंब और वाहन मुहैया कराने में लेटलतीफी के बाद अब नया पेंच हाउस टैक्स की एनओसी को लेकर फंस गया है। इस मामले में कहीं न कहीं राज्य निर्वाचन स्तर से भी चूक हुई है। शहर का हिस्सा बने ग्रामीण क्षेत्रों के दावेदारों की हाउस टैक्स की एनओसी को लेकर यह अड़चन पैदा हो गई है कि नगर निकाय कैसे उन्हें एनओसी दे सकते हैं। 

रविवार को अधिवक्ता मुकेश महेंद्रा ने यह मामला जब जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी वीएस चौहान के समक्ष उठाया तो उन्हें भी कोई जवाब देते नहीं बना। दरअसल, नामांकन के दौरान हर प्रत्याशी को बिजली, पानी व हाउस टैक्स की एनओसी प्रस्तुत करनी है। पहले से ही नगर निगम या अन्य निकाय क्षेत्र में निवास कर रहे प्रत्याशियों या दावेदारों के लिए तो इसमें कोई समस्या नहीं है, मगर जो ग्रामीण क्षेत्र अभी नगर निकाय का हिस्सा बने हैं, वह कैसे हाउस टैक्स की एनओसी प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि नगर निगम के पास उनका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। ऐसे मामलों में राज्य निर्वाचन आयोग ने भी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। जबकि नामांकन के दौरान हाउस टैक्स की एनओसी का अनिवार्य प्रावधान किया गया है। 

वैसे तो ग्रामीण क्षेत्रों में हाउस टैक्स लागू नहीं है। ऐसे में उन्हें इससे किस तरह छूट मिल सकती है, इसको भी अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है। कायदे से ग्रामीण क्षेत्रों का रिकॉर्ड जिला पंचायत के पास रहता है। वहां से विभिन्न तरह की एनओसी प्राप्त की जा सकती हैं। हालांकि, यह तभी संभव है, जब आयोग इस मामले में कुछ प्रावधान करेगा। 

जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी वीएस चौहान ने बताया कि यह सच है कि शहर का हिस्सा बने ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्याशियों या दावेदारों की एनओसी को लेकर प्रावधान स्पष्ट नहीं है। मार्गदर्शन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया है। वहां से जवाब आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

जूलूस की अनुमति के लिए भटकते रहे प्रत्याशी 

शनिवार से निकाय चुनावों के लिए नामांकन दाखिल प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रत्याशी जुलूस आदि के लिए कहां से अनुमति लें, इसे लेकर असमंजस बना हुआ था। जिसके चलते प्रत्याशी अनुमति के लिए रविवार को इधर से उधर भटकते रहे। हालांकि, देर शाम जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से स्थिति को साफ करते हुए कहा कि पूर्व की भांति ही संबंधित वार्डों के रिटर्निंग ऑफिसर ही प्रत्याशियों को जुलूस से लेकर सभी तरह की अनुमति देंगे। 

23 अक्टूबर तक महापौर और पार्षद पद के प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। पहले दिन शनिवार होने और पार्टियों की ओर से अपने प्रत्याशी घोषित न किए जाने के कारण केवल पांच ही नामांक न हुए थे। लिहाजा अब सोमवार और मंगलवार को ही नामांकन का जोर रहेगा। सभी प्रत्याशी इन दो दिनों में ही जुलूस के साथ अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

जुलूस के लिए सभी प्रत्याशियों को अनुमति की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन अनुमति की अभी तक जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से कोई व्यवस्था न बनाने के कारण रविवार को कई प्रत्याशी अनुमति के लिए भटकते रहे। प्रत्याशी इसके लिए आरओ के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस कार्यालयों के चक्कर काटते रहे, लेकिन अनुमति कौन देगा यह स्पष्ट नहीं हो पाया।

हालांकि, काफी शिकायत आने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने स्थिति को साफ करते हुए कहा कि संबंधित वार्डों के आरओ ही जुलूस, प्रदर्शन, वाहन, प्रचार-प्रसार की अनुमति देंगे। उप निर्वाचन अधिकारी एवं एडीएम वित्त व राजस्व बीर सिंह बुदियाल ने कहा कि इसके लिए सभी आरओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

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