अनुचित लाभ रोकने को ठेकेदारों पर नकेल जरूरी
नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने पुननिर्माण कार्यो के लिए ठेकेदारी प्रथा पर प्रभावी कदम उठाने की अपेक्षा की है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने पुननिर्माण कार्यो के लिए ठेकेदारी प्रथा पर प्रभावी कदम उठाने की अपेक्षा की है। कैग ने माना है कि ठेकेदारों के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यो पर कड़ी नजर रखने और पुनर्निर्माण कार्यो में गुणवत्ता का अनुपालन सुनिश्चित करने की जरूरत है। इसके साथ ही इसके मूल्यांकन व अनुश्रवण तंत्र को सुदृढ़ करने की भी अपेक्षा की है।
शुक्रवार को सदन में रखी गई कैग की रिपोर्ट में सरकार को आपदा के बाद होने वाले पुनर्निर्माण कार्यो को लेकर कैग ने कई अहम सुझाव दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड आपदा प्रवृत्त राज्य है और यहां भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, अचानक आने वाली बाढ़ और जंगल की आग में प्राकृतिक आपदाओं के आने की संभावनाएं बनी रहती हैं। ऐसे में सरकार को एक अच्छे सामंजस्य तंत्र को स्थापित करने की जरूरत है। कैग ने राज्य आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के साथ ही आपदाओं से बचाव व रोकथाम के उपायों का समयबद्ध तरीके से कराने के लिए मजबूत समय सारिणी बनाने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही आपदा के कारण हुए नुकसान का आंकलन करने के साथ ही समय से उन्हें दुरुस्त करने के लिए व्यवहारिक प्रस्ताव बनाने की अपेक्षा की है। यह भी कहा गया है कि एक ही कार्य को कई स्रोतों से धन देने और विभिन्न अभिकरणों व ठेकेदारों द्वारा कराने से बचने का प्रयास करने चाहिए। ये निधि के दुरुपयोग व व्यय को बढ़ाने की गुंजाइश छोड़ते हैं। रिपोर्ट में ठेकेदारों को अनुचित लाभ समाप्त करने और खजाने पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए ठेका प्रबंधन पर प्रभावी निगरानी करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही पुननिर्माण कार्यो में मूल्यांकन व अनुश्रवण तंत्र को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया गया है।