कांग्रेस विधायक लिखित में दें तो नहीं होगी कटौती
राज्य सरकार ने फिर दोहराया कि कोरोना महामारी से लड़ने और आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए सभी मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्तों में 30 फीसद कटौती की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राज्य सरकार ने फिर दोहराया कि कोरोना महामारी से लड़ने और आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए सभी मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्तों में 30 फीसद कटौती की जाएगी। कांग्रेस के विधायक यदि वेतन-भत्ते में कटौती के इच्छुक नहीं हैं तो वह नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से सरकार को पत्र देंगे। उनके वेतन से कटौती नहीं की जाएगी।
कोरोना से जंग में सरकार ने आज कांग्रेस के नहले पर दहले का दांव चल दिया। कैबिनेट ने बीते माह फैसला लिया था कि सभी मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्तों में एक साल तक 30 फीसद कटौती की जाएगी। सरकार के इस फैसले को लागू करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों को पत्र भेजकर सहमति मांगी गई। हालांकि अभी तक सत्तापक्ष भाजपा के सभी विधायकों की सहमति विधानसभा अध्यक्ष को नहीं मिलने की सूचना है। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर कायम है।
उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के सभी विधायकों के वेतन-भत्तों में 30 फीसद कटौती की जाएगी। उक्त विधायकों की सहमति मिलने में कोई दिक्कत नहीं है। कांग्रेस ने सरकार पर विपक्ष को साथ लेकर नहीं चलने के आरोप लगाते हुए वेतन-भत्तों में कटौती को लेकर अब तक सहमति नहीं दी है। कांग्रेस के इस रुख पर सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि कोरोना महामारी के मौके पर कांग्रेस कहां खड़ी है, यह उसे तय करना है। कांग्रेस के विधायक यदि वेतन-भत्तों में कटौती नहीं चाहते तो नेता प्रतिपक्ष के माध्यम से सरकार को लिखकर दें। उनके वेतन-भत्ते नहीं काटे जाएंगे।