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नौकरशाही पर भड़के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, बैठक छोड़कर निकल आए बाहर

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की ओर से बुधवार को हरिद्वार कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर बुलाई गई बैठक में नौकरशाहों का लापरवाह रवैया फिर उजागर हुआ।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 08:54 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 07:27 AM (IST)
नौकरशाही पर भड़के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, बैठक छोड़कर निकल आए बाहर
नौकरशाही पर भड़के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, बैठक छोड़कर निकल आए बाहर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में नौकरशाही की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री की अफसरों को दी गई नसीहत को चंद दिन ही गुजरे हैं और अब सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की ओर से हरिद्वार कुंभ की तैयारियों के मद्देनजर बुलाई गई बैठक में नौकरशाहों का लापरवाह रवैया फिर उजागर हुआ। सिंचाई, लोनिवि, पेयजल, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभागों के सचिवों के न पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री कौशिक भड़क गए और बैठक छोड़कर निकल आए। कौशिक ने मुख्य सचिव को फोन कर अफसरों के रवैये पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब सचिवों को नहीं पहुंचना है तो ऐसे में बैठक का औचित्य क्या है। देर शाम कौशिक की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी सचिवों को मंत्रियों की बैठक में पूरी जानकारी के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। 

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हरिद्वार में चल रहे कुंभ से संबंधित कार्यों की समीक्षा के मद्देनजर कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बुधवार को बैठक बुलाई थी। हफ्तेभर पहले इसका एजेंडा तय कर विभागों को भेज दिया गया। बाद में हरिद्वार में हाल में गैस की पाइपलाइन में आग लगने और हरकी पैड़ी पर दीवार गिरने के मामलों को भी एजेंडे में शामिल किया गया। ऐसे में बैठक को खासा अहम माना जा रहा था। पहले यह बैठक हरिद्वार में होनी थी, मगर सचिवों के आग्रह पर ही इसे सचिवालय में शिफ्ट किया गया।

बुधवार को तय समय पर कैबिनेट मंत्री कौशिक बैठक के लिए सचिवालय पहुंच गए, मगर सचिवों के नाम पर सिर्फ शहरी विकास एवं परिवहन सचिव शैलेश बगोली ही मौजूद थे। कुछ देर तक इंतजार करने के बाद भी हरिद्वार में चल रहे कुंभ कार्यों के मद्देनजर लोनिवि, पेयजल, ऊर्जा व सिंचाई जैसे विभागों के सचिव नहीं पहुंचे तो कैबिनेट मंत्री कौशिक ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और बैठक छोड़कर बाहर निकल आए।

कैबिनेट मंत्री कौशिक का कहना था इस महत्वपूर्ण बैठक में कई निर्णय लिए जाने थे। ऐसे में इसमें सचिवों को मौजूद रहना चाहिए था, मगर अहम विभागों के छोटे अधिकारी भेज दिए गए। ऐसे में वह बैठक नहीं ले पाएंगे। वह ये तक कह गए कि यदि सचिवों को बैठक में नहीं आना है तो फिर इसका औचित्य क्या है। इसके बाद बैठक स्थगित कर दी गई। कैबिनेट मंत्री कौशिक ने मुख्य सचिव को फोन कर सचिवों के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जताई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी सक्रिय हुए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और अपर सचिवों को निर्देशित किया है कि वे मंत्रियों की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। यदि किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो सूचना संबंधित मंत्रियों को अवश्य दें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि बैठकों में सचिव पूरी जानकारी के साथ भाग लें। इसमें किसी प्रकार की कोताही न होने पाए।

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कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक हरिद्वार में गैस पाइपलाइन में आग लगने और हर की पैड़ी में दीवार ढहने के मामले में बैठक में निर्णय लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराना था। विभिन्न विभागों से जुड़े कुंभ कार्यों से संबंधित करीब 10 बिंदु भी रखे गए थे। सचिवों के न पहुंचने पर  बैठक को एक-दो दिन के लिए टाल दिया गया। सचिव बैठक में क्यों नहीं पहुंच पाए, इसकी जानकारी ली जा रही है।

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