राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Politics आगामी विधानसभा चुनाव में कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत के सियासी अनुभव का भाजपा लाभ उठाएगी। क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधने के मद्देनजर पार्टी उन्हें बड़ी चुनावी जिम्मेदारी सौंप सकती है। भाजपा हाईकमान के बुलावे पर रायपुर क्षेत्र से विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ शनिवार को दिल्ली पहुंचे हरक की शाम को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, मंत्री हरक ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हुई बैठक में चुनावी रणनीति, मुद्दे और सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों को लेकर चर्चा की गई।
शनिवार सुबह कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व विधायक उमेश शर्मा काऊ के अचानक दिल्ली रवाना होने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई। इसकी बड़ी वजह ये भी रही कि जिस फ्लाइट से वे रवाना हुए, उसमें नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी मौजूद थे। इसे लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि, मंत्री हरक सिंह ने दिल्ली पहुंचकर साफ किया कि जिस फ्लाइट में वह सवार हुए उसमें संयोगवश नेता प्रतिपक्ष भी थे। नेता प्रतिपक्ष अपनी पत्नी के साथ पारिवारिक कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली जा रहे थे। हरक ने यह भी साफ किया कि उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुलाया है और उन्हीं से मिलने जा रहे हैं।
बलूनी व गौतम से भी मुलाकात
दिल्ली पहुंचकर मंत्री रावत व विधायक काऊ ने सबसे पहले उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी से मुलाकात की। फिर उन्होंने बलूनी के साथ पार्टी के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के आवास पर जाकर भेंट की। इस दौरान विधानसभा चुनाव समेत अन्य मसलों पर चर्चा की गई। शाम को उन्होंने बलूनी की मौजूदगी में भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। यह बैठक करीब सवा घंटे चली। हरक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से अलग से भी चर्चा की।
क्षेत्रीय व जातीय संतुलन पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के साथ बैठक के दौरान मंत्री रावत ने उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य पर विस्तार से रोशनी डाली। साथ ही क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के संबंध में चर्चा की। ऐसे में माना जा रहा कि इस संतुलन को साधने के मद्देनजर पार्टी हरक को चुनावी जिम्मेदारी सौंप सकती है। असल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्र में राज्यमंत्री अजय भट्ट कुमाऊं क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। अलबत्ता पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ही गढ़वाल मंडल से हैं, लेकिन वह मैदानी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। अमूमन क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधने के लिए सियासी दल मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अलग-अलग मंडलों से बनाते आए हैं। मौजूदा परिदृश्य में भाजपा गढ़वाल को चुनावी दृष्टि से जिम्मेदारी दे सकती है और हरक को इस मोर्चे पर लगाया जा सकता है।
चुनावी रणनीति पर हुआ मंथन
मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बैठक में चुनावी रणनीति पर मंथन हुआ। इस दौरान राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर स्थिति, चुनावी मुद्दे और सरकार किस तरह के कदम उठा सकती है, पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। साथ ही वर्ष 2022 में पार्टी एक बार फिर कैसे प्रचंड बहुमत हासिल करे, इस पर भी विमर्श किया गया। विधायक काऊ के मुताबिक बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी को मिलकर फिर से प्रचंड बहुमत वाली सरकार लानी है। साथ ही उस मिथक को तोड़ना है, जिसमें कहा जाता है कि उत्तराखंड में पांच साल बाद सत्ताधारी दल बदल जाता है।
एक फ्लाइट में होना संयोग: प्रीतम
देहरादून से दिल्ली तक एक ही फ्लाइट में कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ मौजूद रहे नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इसे संयोग करार दिया। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से दिल्ली गए।
यह भी पढें- सीएम धामी की डीडीहाट में निगाहें, पहाड़ में हलचल, पैतृक गांव में विकास कार्यों पर किया फोकस