कैबिनेट बैठक:उत्तराखंड में आरक्षण रोस्टर में पहला पद अनुसूचित जाति का
मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों की सीधी भर्ती में आरक्षण रोस्टर की नई व्यवस्था समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू किया गया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए आरक्षण के पुराने रोस्टर को बहाल कर दिया है। यानी सितंबर 2019 के रोस्टर को बदलते हुए पुराने रोस्टर की व्यवस्था बहाल की गई है। इसमें अनुसूचित जाति को पहले क्रमांक में रखा गया है। सरकार ने यह कदम उठाकर कहीं न कहीं अनुसूचित जाति-जनजाति के असंतोष को दूर करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही सरकार ने आरक्षित वर्ग के बैकलॉग पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं। हालांकि, सरकार को पुराने रोस्टर का भी नए सिरे से निर्धारण करना होगा क्योंकि अब इसमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है।
सरकार ने वर्ष 2019 में पुरानी रोस्टर प्रक्रिया में बदलाव किया था। नए रोस्टर में सामान्य वर्ग को पहले क्रम पर रखते हुए आरक्षण प्रतिशत के हिसाब से क्रमवार रोस्टर चार्ट जारी किया गया था। इसमें अनुसूचित जाति को आरक्षण के लिहाज से छठवें, अन्य पिछड़ा वर्ग को आठवें, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 वें और अनुसूचित जनजाति को 25 वें क्रम पर रखा गया। इसका अनुसूचित जाति-जनजाति के कार्मिक लगातार विरोध कर रहे थे। प्रदेश में सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के लिए 19 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है।
यानी सौ पदों में 19 पद अनुसूचित जाति, 14 पद अन्य पिछड़ा वर्ग, 10 पद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अनुसूचित जनजाति के चार पद हैं। कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के बाद रोस्टर क्रमांक में बदलाव करते हुए अनुसूचित जाति को पहले क्रमांक पर रखा गया है। अब क्योंकि सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था कर चुकी है तो अब पुराने रोस्टर में भी थोड़ा बदलाव होने की संभावना है। शासन द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि अब पुरानी व्यवस्था के अनुसार सीधी भर्ती का रोस्टर तैयार किया जाएगा। जल्द दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
यह थी वर्ष 2019 के शासनादेश के अनुसार व्यवस्था: पुरानी व्यवस्था के तहत पहला पद अनुसूचित जाति का रहेगा। इसके बाद के चार पद सामान्य वर्ग के रहेंगे। छठवां पद फिर से अनुसूचित जाति का होगा। सातवां पद अन्य पिछड़ा वर्ग व 10 वां पद आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग का रहेगा। 25 वां पद अनुसूचित जनजाति का रहेगा। कैबिनेट के निर्णय के बाद शासन ने सभी विभागीय प्रमुखों को पुराने रोस्टर के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करने को कहा है।
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आरक्षण की व्यवस्था
-अनुसूचित जाति- 19 प्रतिशत
-अन्य पिछड़ा वर्ग-14 प्रतिशत
-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग- 10 प्रतिशत
-अनुसूचित जनजाति-04 प्रतिशत
-क्षैतिज आरक्षण की गणना
-उत्तराखंड महिला-30 प्रतिशत
-भूतपूर्व सैनिक-05 प्रतिशत
-दिव्यांगजन-04 प्रतिशत
-स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित -02 प्रतिशत