अब गवाहों को मिलेगी पूरी सुरक्षा, कैबिनेट ने साक्षी संरक्षण नियमावली को दी मंजूरी
अब बड़े आपराधिक मामलों में गवाही देने वालों को पुलिस की पूरी सुरक्षा मिलेगी। इसके लिए कैबिनेट ने साक्षी संरक्षण नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। अब बड़े आपराधिक मामलों में गवाही देने वालों को पुलिस की पूरी सुरक्षा मिलेगी। इसके लिए कैबिनेट ने साक्षी संरक्षण नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी है। अब जल्द ही इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा।केंद्र ने कुछ समय पहले साक्षी संरक्षण नीति लागू की है। इसके बाद सभी प्रदेशों को अपने यहां इसी आधार पर नीति बनाने को कहा गया। वैसे तो गवाहों को सीआरपीसी में पहले से ही सुरक्षा देने का प्रविधान है लेकिन नई नीति में इसे और पुख्ता किया जा रहा है। दरअसल, यह देखने में आया है कि सबूतों व गवाहों के अभाव में कई बार गंभीर अपराध करने वाले अपराधी बरी हो जाते हैं।
सजा से बचने के लिए ये कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इनमें गवाह को प्रलोभन देना अथवा धमकी देना आम है। कई बार गवाह धन लेकर अथवा डर कर चुप बैठ जाते हैं। इससे अपराधियों को सजा नहीं मिल पाती है। अपराधियों को उनके कृत्य की पूरी सजा मिले और गवाह बेखौफ गवाही दे सके, इसके लिए साक्षी संरक्षण योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत जिन मामलों में अपराधियों को उम्रकैद, फांसी अथवा सात वर्ष से अधिक सजा होने की संभावना है, ऐसे मामलों में गवाहों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
योजना के तहत गवाहों की स्थिति को देखते हुए उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने, उनका पुनर्वास करने और उनकी पहचान छिपाने के भी प्रविधान किए गए हैं। इन सबका खर्च उठाने के लिए साक्षी संरक्षण निधि का गठन किया गया है। इसके अलावा हर जिले में साक्षी संरक्षण समिति भी बनाई जाएगी। समिति में सेवानिवृत्त जज से लेकर पुलिस व विधि के अधिकारी शामिल होंगे। इस समिति के सामने गवाह अपनी सुरक्षा के लिए आवेदन कर सकता है। समिति अपराध की स्थिति और अन्य पहलुओं की जानकारी लेने के बाद यह तय करेगी कि गवाहों को सुरक्षा दी जाएगी अथवा नहीं। अब इसे जल्द ही विधानसभा में पेश कर एक्ट का रूप दिया जाएगा।
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आंतरिक मार्गों का निर्माण कर सकेगा लोनिवि
प्रदेश के निकाय क्षेत्रों में आंतरिक मार्गों के निर्माण में लोक निर्माण विभाग के सामने आ रही दिक्कतें अब दूर हो सकेंगी। इसके लिए कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग को अब तीन मीटर चौड़ी और 500 मीटर लंबी सड़क बनाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। दरअसल, कुछ समय पहले सरकार ने निकाय क्षेत्रों में आंतरिक मार्ग बनाने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया था। इस आदेश को जारी करते हुए एक खामी रह गई। कारण यह कि लोक निर्माण विभाग के नियमानुसार वह 4.25 मीटर से कम चौड़ी सड़क का निर्माण नहीं कर सकता। निकायों में इतने चौड़े मार्ग होते नहीं है। नतीजतन, निकायों में आंतरिक मार्गों के निर्माण में कठिनाई आने लगी। विधायकों व पार्षदों ने यह मसला सरकार के समक्ष उठाया था। अब कैबिनेट ने इसमें बदलाव कर दिया है। अब तीन मीटर चौड़ी व 500 मीटर लंबी सड़क का निर्माण भी लोक निर्माण विभाग कर सकेगा।
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