उत्तराखंड में प्रवासियों को मिलेगा स्वरोजगार का बड़ा मौका, कैबिनेट बैठक में लिया गया ये फैसला
उत्तराखंड का रुख कर रहे प्रवासियों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार व्यापक तैयारी में जुट गई है। एमएसएमई योजना में उन्हें स्वरोजगार के बड़े मौके देने का रास्ता साफ किया गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 महामारी के दौर में कामकाज बंद होने से उत्तराखंड का रुख कर रहे प्रवासियों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार व्यापक तैयारी में जुट गई है। एमएसएमई योजना में उन्हें स्वरोजगार के बड़े मौके देने का रास्ता साफ किया गया है। प्रवासियों को निर्माण क्षेत्र में 25 लाख ऋण पर 3.75 लाख से लेकर 6.25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख ऋण पर 1.50 लाख से लेकर 2.50 लाख तक अनुदान देने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया है। वहीं शहरी क्षेत्र का रुख करने वाले प्रवासियों के लिए शहरी विकास आजीविका योजना तैयार की जा रही है। इसे मंत्रिमंडल की अगली बैठक में रखा जाएगा।
सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के जरिये कुशल, अकुशल, दस्तकार, हस्तशिल्पी या अन्य हुनरमंद प्रवासियों के सुखद भविष्य की राह तैयार की जा रही है। एमएसएमई के तहत उन्हें दिए जाने वाले उक्त ऋण की तीन केटेगरी में अनुदान देने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि निर्माण क्षेत्र के ऋण पर ए केटेगरी में 6.25 लाख, बी केटेगरी में पांच लाख और सी व डी को मिलाकर तीसरी संयुक्त केटेगरी में 3.75 लाख अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह सेवा क्षेत्र के ऋण पर ए केटेगरी में 2.5 लाख, बी केटेगरी में दो लाख और सी और डी केटेगरी में 1.50 लाख तक अनुदान मिलेगा। यह अनुदान इन दोनों क्षेत्रों में एमएसएमई के दो साल के सफल संचालन पर दिया जाएगा।
उद्योगों की मांगें मानीं
उन्होंने बताया कि उक्त ऋण के लिए प्रवासियों को जिला उद्योग केंद्रों पर आवेदन करना होगा। जिलाधिकारी या उनकी ओर से नामित अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति उक्त आवेदनों पर तेजी से फैसला लेगी। आवेदनकर्ता की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। उद्योगों की मांग के मुताबिक कोरोना काल में उन्हेंं भी राहत देने का निर्णय लिया गया है। अब कारखाने 11-11 घंटे की पालियों में चल सकेंगे। दोनों पालियों के बीच एक घंटे का अंतराल जरूरी होगा। श्रमिकों को तीन घंटे का ओवरटाइम और दोनों पालियों में काम करने पर हफ्ते में छह दिन ही काम लेना होगा। इसीतरह निरंतर काम करने वाले उद्योगों को 12-12 घंटे की पालियों में काम जारी रखने की अनुमति मिलेगी। छह घंटे काम के बाद श्रमिकों के लिए 30 मिनट का विश्राम जरूरी होगा।
खनन को केंद्र और कोर्ट में देंगे दस्तक
उन्होंने बताया कि राज्य की नदियों से उपखनिजों की निकासी पर लगी रोक हटाने खासतौर पर रायवाला से लेकर हरिद्वार में भोगपुर तक खनन की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को पत्र भेजेंगे और वार्ता करेंगे। इससे एनजीटी और केंद्र सरकार के फैसलों को लेकर असमंजस दूर किया जाएगा। साथ ही सरकार इस मामले में अनुमति के लिए हाईकोर्ट भी जाएगी। इसीतरह नदी क्षेत्र में 50 हेक्टेयर से कम खनन क्षेत्र के 200 पट्टों पर अब मशीनों से भी खनन किया जा सकेगा। इस मामले में भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ हाईकोर्ट की अनुमति भी लेने का निर्णय लिया गया।
कुलपति को दूसरे टर्म भी नियुक्ति
मंत्रिमंडल ने हेमवतीनंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी। इसमें कुलपति की अधिवर्षता आयु 70 वर्ष हो गई है। 65 वर्ष तक तैनात कुलपति को अगले और दूसरे टर्म के लिए नियुक्ति देने का रास्ता खोला गया है। इसी विश्वविद्यालय की नियमावली में अन्य संशोधन भी किया गया है। वहीं राज्य में खाद्य महकमे में विपणन निरीक्षकों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के बजाए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी। इसके लिए संबंधित नियमावली में संशोधन किया गया है।
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कैबिनेट के अन्य फैसले
-उत्तराखंड खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले विपणन शाखा सेवा नियमावली को मंजूरी, अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के बजाए राज्य लोक सेवा आयोग से होगी विपणन निरीक्षकों की भर्ती
-हेमवतीनंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन पर मुहर, कुलपति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष करने को मंजूरी
-कृषि उपज विपणन अधिनियम में संशोधन, मंडी परिषद अध्यक्ष को नामित कर सकेगी सरकार
-प्रदेश में कोरोना वॉरियर्स के लिए 2.48 करोड़ राशि से खरीदी जाने वाली आयुष औषधि किट के लिए नए सिरे से टेंडर जरूरी नहीं, पुराने टेंडर के आधार पर ही खरीद को दी स्वीकृति
-उद्योगों को दी राहत, 11-11 घंटे की दो पालियों में एक घंटे के अंतराल के साथ चल सकेंगे, कार्मिकों को मिलेगा तीन घंटे का ओवरटाइम
-निरंतर चलने वाले उद्योगों में 12-12 घंटे की पाली, छह घंटे बाद 30 मिनट का विश्राम
-शहरी विकास आजीविका योजना का प्रस्ताव अगली कैबिनेट में रखने पर सहमति
-खनन क्षेत्र को राहत, राज्य की नदियों में 50 हेक्टेयर से कम क्षेत्र में हल्की मशीन से खनन को मंजूरी
-हरिद्वार से भोगपुर तक खनन पर प्रतिबंध हटाने को केंद्र सरकार और हाईकोर्ट में दस्तक देगी सरकार
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