त्रिस्तरीय पंचायतों पर गफलत हुई दूर
आखिरकार प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर स्थिति साफ कर दी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
आखिरकार प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर स्थिति साफ कर दी। जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत की परिभाषा, सीमाएं और कार्यक्षेत्र तय करते हुए पंचायतीराज एक्ट-2016 में संशोधन किया गया है। मंत्रिमंडल ने इस संशोधन को स्वीकृति दी। इसके साथ ही जिला पंचायतें अब कर की वसूली कर सकेंगे।
दरअसल, पंचायतीराज एक्ट-2016 में त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से गफलत बनी हुई थी। मंत्रिमंडल ने इस एक्ट में संशोधन विधेयक को मंजूरी दी। इसे बजट सत्र में विधानसभा में रखा जाएगा। संशोधित एक्ट लागू होने पर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में व्यवसायिक गतिविधियों के साथ ही जगह-जगह आयोजित होने वाले मेलों में लगने वाली दुकानों से निकट भविष्य में सिर्फ जिला पंचायतें ही उपविधि बनाकर टैक्स वसूल कर सकेंगी। लंबे इंतजार के बाद अस्तित्व में आए उत्तराखंड पंचायतीराज एक्ट-2016 में पंचायत द्वारा उपविधि बनाकर टैक्स वसूलने का जिक्र तो किया गया, लेकिन यह साफ नहीं किया कि त्रिस्तरीय पंचायतों में से यह कौन सी पंचायत होगी। इस गफलत के चलते जिला पंचायतें आय में वृद्धि के इस स्रोत को लेकर सक्रिय नहीं हो पाई। अब जबकि पंचायतों की आमदनी बढ़ाने के प्रयासों को लेकर सरकार सक्रिय हुई तो यह बिंदु भी उभरकर सामने आया। इसे देखते हुए अब पंचायतीराज एक्ट में संशोधन किया गया है।