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19 आइटीआइ का विलय कर बनाए गए नौ आइटीआइ, पढ़िए पूरी खबर

देश में एक ही परिसर या कम दूरी पर संचालित 19 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) का विलय कर नौ आइटीआइ बनाए गए हैं।

By Edited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 11:04 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 01:36 PM (IST)
19 आइटीआइ का विलय कर बनाए गए नौ आइटीआइ, पढ़िए पूरी खबर
19 आइटीआइ का विलय कर बनाए गए नौ आइटीआइ, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। देश में एक ही परिसर या कम दूरी पर संचालित 19 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) का विलय कर नौ आइटीआइ बनाए गए हैं। मंत्रिमंडल के इस फैसले से आइटीआइ में स्टाफ और संसाधनों की कमी की दिक्कत भी दूर होगी।

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मंत्रिमंडल ने नई टिहरी और बौराड़ी को मिलाकर आइटीआइ नई टिहरी को मंजूरी दी। इसीतरह श्रीनगर और लोअर बाजार श्रीनगर में अलग-अलग आइटीआइ का विलय कर आइटीआइ श्रीनगर किया गया है। युवक काशीपुर, महिला काशीपुर व महिला महुआखेड़ागंज को मिलाकर आइटीआइ काशीपुर कैंपस के रूप में संचालित किया जाएगा। युवक हल्द्वानी व महिला हल्द्वानी का विजय कर आइटीआइ हल्द्वानी, सहसपुर बोक्सा व सहसपुर मुस्लिम को मिलाकर आइटीआइ सहसपुर नाम से ट्रेनिंग सेंटर विकसित किया जाएगा।

सितारगंज में संचालित अलग-अलग आइटीआइ को मिलाया गया है। इसमें एक आइटीआइ संचालित नहीं हो रहा है। वि सितारगंज आइटीआइ के कैंपस को स्किल सेंटर के रूप में संचालित किया जाएगा। इसीतरह गुरना और पिथौरागढ़ आइटीआइ को मिलाकर आइटीआइ पिथौरागढ़ होगा। अस्कोट व धारचूला को और विकासनगर व महिला ढकरानी को भी मिलाकर आइटीआइ विकासनगर नाम से संचालित किया जाएगा। उक्त आइटीआइ के विलय से सरप्लस पद स्वयं समाप्त हो जाएंगे, जबकि सरप्लस स्टाफ से रिक्त पदों को भरा जा सकेगा। 

गैरसैंण विकास परिषद अध्यक्ष पद लाभ की श्रेणी से बाहर

मंत्रिमंडल ने गैरसैंण विकास परिषद के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों के पदों को लाभ की श्रेणी के पदों से बाहर किया गया है। उत्तराखंड राज्य गैरसैंण विकास परिषद अधिनियम, 2014 की धारा-5 में अध्यक्ष विधानसभा और उनके द्वारा नामित किसी व्यक्ति को परिषद के संचालन को अध्यक्ष बनाने का प्रविधान है। इसके लिए उत्तराखंड राज्य विधानमंडल (अनर्हता निवारण)(संशोधन) विधेयक पर मुहर पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगाई।

दिव्यांगों को बड़ी राहत 

मंत्रिमंडल ने दिव्यांगजनों को कृषि और आवास के लिए भूमि आवंटन में पांच फीसद कोटा तय किया है। दरअसल उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा-198 में दिव्यांगजनों को सरकारी भूमि के आवंटन में वरीयता देने का प्रावधान तो है, लेकिन कोटा निर्धारित नहीं है। अब पांच फीसद कोटा तय करने को अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई। 

बांस से भूकंपरोधी स्कूल भवन

प्रदेश में जर्जर हो चुके विद्यालय भवनों का निर्माण बैंबू, यानी बांस से किया जाएगा। भूकंपरोधी तकनीक से स्कूलों के लिए बैंबू से भवन बनाने के बैंबू बोर्ड के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखा दी है। ऐसे करीब 5000 भवन बनाए जाएंगे। प्रदेश में बंद हो चुके 301 सरकारी स्कूलों के भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने का फैसला मंत्रिमंडल ने लिया है। 

डीजल लाइसेंस शुल्क में इजाफा

मंत्रिमंडल ने जीएसटी अधिनियम 2017 में संशोधन को मंजूरी दी। यह संशोधन नेशनल अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग के गठन को देखते हुए किया जा रहा है। मंत्रिमंडल ने पेट्रोल पंप संचालकों को बड़ी राहत दी है। उन्हें हर साल लाइसेंस के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब हाईस्पीड डीजल का लाइसेंस 20 वर्ष के लिए मिलेगा। नया लाइसेंस जारी करने का शुल्क 10 हजार रुपये और लाइसेंस नवीनीकरण के लिए 10 हजार रुपये और लाइसेंस की दूसरी प्रति प्राप्त करने के लिए एक हजार रुपये फीस तय की गई है। 

उद्योगों को मिल सकेगी जमीन

मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। इस विधेयक में प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने को 12.5 एकड़ से ज्यादा भूमि खरीदने या लीज पर दी जा सकेगी। अधिनियम में संशोधन के तहत कृषि, बागवानी, वृक्षारोपण, मत्स्य पालन में 30 वर्षों के लिए पट्टा दिया जा सकेगा। 

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कैबिनेट फैसले: 

  • दिव्यांगों को कृषि व आवासीय उपयोग के लिए सरकारी भूमि में पांच फीसद कोटा तय
  • चार चीनी मिलों डोईवाला, किच्छा, बाजपुर व नादेही का एक फीसद कर माफ, 399.60 करोड़ की राहत
  • पेट्रोल पंपों पर हाई स्पीड डीजल के लिए 20 साल के लिए मिलेगा लाइसेंस, पहले एक साल के लिए मिलता था लाइसेंस
  • कम छात्रसंख्या वाले बंद 301 स्कूलों के भवनों में चलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र 
  • आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल पालाश के अंतर्गत अतिरिक्त पोषाहार के रूप में हफ्ते में दो दिन छात्रों को दो अंडे और दो केले देने को मंजूरी
  • भवनहीन विद्यालयों को बैंबू से बनाने को मिली हरी झंडी, 5000 से ज्यादा भवनहीन और जर्जर विद्यालयों के भवनों का बैंबू से होगा निर्माण
  • राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के तहत मिलने वाले ऋण को अब गंगा गाय डेयरी परियोजना के तहत देने की योजना
  • परेड ग्राउंड के पास नजूल भूमि पर 3 हजार वर्ग मीटर पर बनेगा दून लाइब्रेरी
  • उत्तराखंड मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण सहायता नियमावली को मंजूरी
  • उत्तराखंड अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता विनियमावली को स्वीकृति
  • उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति में संशोधन, सगंध प्रजातियों, सगंध पौध, जड़ी-बूटी पर आधारित सूक्ष्म व लघु उद्यमों को वर्गीकृत श्रेणी-डी से श्रेणी-ए के अनुरूप मिलेगा वित्तीय प्रोत्साहनों का लाभ 
  • उत्तराखंड माल और सेवाकर अधिनियम में संशोधन
  • उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद विधेयक में संशोधन
  • उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम के वर्ष 2016-17 व 2017-18 के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर रखने को मंजूरी
  • उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 (अनुकूलन और उपांतरण आदेश 2001) संशोधन विधेयक को स्वीकृति
  • उत्तराखंड विज्ञापन अनुश्रवण समिति के गठन को दिशा-निर्देशों को मंजूरी
  • राज्याधीन सेवाओं के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की पुत्री के पुत्र व पुत्री को क्षैतिज आरक्षण में शामिल करने संबंधी विधेयक को स्वीकृति 
  • धर्मावाला अस्पताल के भवन मानचित्र शुल्क समेत अन्य शुल्क की 47 लाख रुपये की राशि में छूट देने का निर्णय
  • परेड मैदान में दून लाइब्रेरी को 3000 वर्गमीटर भूमि देने को मंजूरी
  • उत्तरप्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (उत्तराखंड में यथा प्रवृत्त) में संशोधन, औद्योगिक विवादों का निपटारा अब तीन वर्ष में करना होगा
  • उत्तराखंड राज्य विधानमंडल (अनर्हता निवारण)(संशोधन) विधेयक पर मुहर
  • उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के 18वें वार्षिक प्रतिवेदन को मंजूरी
  • उत्तराखंड जलविद्युत निगम लिमिटेड के वर्ष 2017-18 के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर रखने को मंजूरी

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