अब भी जबरन थोपे जा रहे टीवी चैनल, उपभोक्ता हैं परेशान
ट्राई की ओर से उपभोक्ताओं को पसंदीदा चैनल चुनने का अधिकार देने की योजना को लोकल केबल ऑपरेटर पलीता लगा रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ओर से उपभोक्ताओं को पसंदीदा चैनल चुनने का अधिकार देने की योजना को लोकल केबल ऑपरेटर (एलएसओ) पलीता लगा रहे हैं। एलएसओ की ओर से खुद की सुविधा के अनुसार चैनलों के पैकेज बनाकर जबरन थोपे जा रहे हैं। देखने में 202 से 300 रुपये के पैकेज बजट के हिसाब से अनुकूल तो लग रहे हैं, लेकिन इन पैकेज में स्टार प्लस, जी, सोनी, कलर्स जैसे लोकप्रिय चैनलों में से अधिकांश गायब हैं। आलम यह है कि उपभोक्ताओं को ये लोकप्रिय चैनल देखने के लिए कम से कम 450 रुपये का पैकेज लेने पड़ रहा है।
देहरादून समेत प्रदेशभर में केबल एवं डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) उपभोक्ता ट्राई के नए नियम को लेकर खासे परेशान नजर आ रहे हैं। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि लोकल केबल ऑपरेटर (एलसीओ) की ओर से उन्हें चैनल चुनने का विकल्प नहीं दिया जा रहा है। एलसीओ तीन-चार पैकेज का विकल्प दे रहे हैं। इसमें सबसे कम कीमत का पैकेज 202 रुपये का है, लेकिन इसमें सामान्य से चैनल ही दिए जा रहे हैं। 300 रुपये तक के पैकेज में कई लोकप्रिय चैनल उपलब्ध नहीं हैं। मजबूरन उपभोक्ता यही पैकेज खरीदने को बाध्य हो रहे हैं।
यही नहीं, फ्रीडम पैक के रूप में भी उपभोक्ताओं से जबरन अनावश्यक शुल्क वसूला जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह शिकायतें सिर्फ एक-दो केबल सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर्स के ऑपरेटरों तक सीमित हों, बल्कि इसमें ब्लू स्काई, डेन, सिटी प्राइम व उतरांचल केबल सर्विस के अधीन कार्यरत एलसीओ शामिल हैं। वहीं, मल्टी सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स भी लाभ बटोरकर चुप्पी साधे नजर आ रहे हैं। उपभोक्ताओं की परेशानियों पर कोई भी सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
फ्रीडम पैक भी जबरन थोप रहे
दरअसल, ट्राई की ओर से फ्रीडम पैक के रूप में उपभोक्ताओं को 20 रुपये में 25 चैनल का पैकेज विकल्प के रूप में लेने की रियायत दी गई थी, लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायत है कि सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स, फ्रीडम पैक को भी पैकेज के साथ जबरन थोप रहे हैं। इसके 20 रुपये भी उन्हें अतिरिक्त चुकाने पड़ते हैं।
कमीशन की चाह में कर रहे गुमराह
केबल ऑपरेटरों को फ्री-टू-एयर चैनल व पसंदीदा चैनल चुनने का विकल्प देने पर कम कमीशन मिल रहा है। इसमें 153 रुपये के फ्री-टू-एयर चैनल में केबल ऑपरेटर व एमएसओ के बीच क्रमश: 45-55 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जबकि चुने गए पसंदीदा चैनलों के शुल्क में दस-दस फीसद की समान हिस्सेदारी है। इसमें केबल ऑपरेटर को कम लाभ पहुंच रहा है, जबकि यदि उपभोक्ता इनका पैकेज चुनता है तो इसकी अपेक्षा अधिक लाभ पहुंचता है।
यह है नियम
ट्राई की ओर से जारी नियम के अनुसार, उपभोक्ताओं को पसंदीदा चैनल चुनने के लिए सबसे पहले 153 रुपये (18 फीसद जीएसटी मिलाकर) में 100 चैनल लेने होंगे। इसके बाद पसंदीदा चैनल चुन सकते हैं। प्रत्येक चैनल का अलग से शुल्क देना होगा। केबल ऑपरेटर्स को उपभोक्ताओं को चैनलों की शुल्क सूची दिखानी होगी, जिससे वे बजट व पसंद के अनुसार चैनल चुन सकें। हालांकि, मल्टी सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स को चैनलों का पैकेज विकल्प के रूप में मुहैया कराने की रियायत है, लेकिन उपभोक्ताओं को बाध्य नहीं किया जा सकता।
वीरेंद्र सिंह पोखरियाल (सदस्य, उतरांचल केबल सर्विस) का कहना है कि केबल ऑपरेटर्स को स्पष्ट निर्देश हैं कि उपभोक्ताओं को पसंदीदा चैनल चुनने का अधिकार देना अनिवार्य है। लेकिन, उपभोक्ता पैकेज को भी सुविधाजनक मान रहे हैं।
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