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सहयोग से समाधान: कोरोना काल में होम डिलीवरी को बनाया हथियार तो चमक उठा कारोबार

कोरोना काल में अस्पतालों और मेडिकल स्टोर तक जाने की हिचक ने मरीजों को मर्ज सहने को मजबूर कर दिया। जब लोग कतराने लगे तो मधु मेडकिल स्टोर ने उन्हें घर पर दवा पहुंचाने का फैसला लिया। इससे कारोबार को भी बहुत फायदा हुआ और लोगों को भी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 12:30 AM (IST)
सहयोग से समाधान: कोरोना काल में होम डिलीवरी को बनाया हथियार तो चमक उठा कारोबार
कोरोना काल में होम डिलीवरी को बनाया हथियार तो चमक उठा कारोबार।

देहरादून, विजय जोशी। कोरोना काल में अस्पतालों और मेडिकल स्टोर तक जाने की हिचक ने मरीजों को मर्ज सहने को मजबूर कर दिया। केवल आपातकाल में ही मरीजों ने अस्पतालों या मेडिकल स्टोर का रुख किया। रूटीन की दवा लेने से भी जब लोग कतराने लगे तो मधु मेडकिल स्टोर ने उन्हें घर पर दवा पहुंचाने का फैसला लिया। लॉकडाउन से ही मधु मेडिकल स्टोर ग्राहकों की सुविधा के लिए उन्हें घर पर ही दवाई पहुंचा रहा है। शुरुआत में कारोबार कुछ समय धीमा पड़ने के बाद धीरे-धीरे होम डिलीवरी के जरिए गति पकड़ने लगा। अब यहां होम डिलीवरी पर ही ज्यादा फोकस है। यही वजह है कि कोरोना काल में भी मधु मेडिकल का कार्य कभी रुका नहीं। मेडिकल स्टोर के संचालक राकेश भट्ट का मानना है कि ग्राहकों के भरोसे से ही उन्होंने होम डिलीवरी पर जोर दिया। अब उनका कारोबार पूरी तरह पटरी पर आ चुका है। कोरोना सुरक्षा को लेकर भी उन्होंने मेडिकल स्टोर और यहां तैनात स्टाफ को लेकर पूरी सतर्कता बरती।

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वर्षों का काम बना पहचान

मधु मेडिकल स्टोर के संचालक राकेश भट्ट बताते हैं कि उन्होंने किशन नगर चौक में 1976 में मेडिकल स्टोर शुरू किया था। इसके बाद धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया। अब पूरे क्षेत्र में लोग उन पर भरोसा करते हैं और किसी भी प्रकार की दवा उनके पास ही लेने आते हैं। अब उन पर लोगों का भरोसा और बढ़ गया है। कोरोना काल में उन्होंने पूरी सुरक्षा और एहतियात के साथ ग्राहकों को दवा पहुंचाई। यही नहीं बुजुर्गों के लिए स्टॉक समाप्त होने के बावजूद स्पेशल ऑर्डर कर दवाएं मंगाई। यही भरोसा कोरोना काल में उनके कारोबार को गति देने में काम आया।

समाधान 1: कर्मचारियों का रखा जा रहा पूरा ध्यान 

राकेश भट्ट ने कहा, कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान दुकान खोलने की अनुमति तो थी, लेकिन लोग घरों में ही रहे और कारोबार घट गया था। पर स्टाफ के सहयोग से धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। राकेश भट्ट बताते हैं कि उनके पास चार लोगों का स्टाफ है और अब वह शॉप से ज्यादा स्टाफ को होम डिलीवरी में लगा रहे हैं। इसमें उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया।

                          (राकेश भट्ट, मधु मेडिकल स्टोर) 

समाधान-2: कोरोना काल में वेबसाइट ने भी निभाई अहम भूमिका 

मधु मेडिकल स्टोर की वेबसाइट ने भी कारोबार पटरी में लाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी वेबसाइट के माध्यम से उन्हें ढेरों ऑर्डर मिलने लगे। होम डिलीवरी के लिए उनकी शॉप और पर्सनल मोबाइल फोन पर दिनभर कॉल आती हैं।

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सहयोग से समाधान-3: कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का रखा पूरा ध्यान  

राकेश भट्ट बताते हैं कि उन्होंने शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए लॉकडाउन से ही एक सुरक्षा गार्ड हायर किया था। जो दुकान के बाहर शारीरिक दूरी का पालन कराने और मास्क का प्रयोग करने के लिए लोगों से निवेदन कर व्यवस्था सुनिश्चित कराता है। तभी से यह सुरक्षित व्यापार में मददगार साबित हो रहा है।

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