Coronavirus: कोरोना ने तोड़ी सब्जी कोरोबारियों की कमर, मजदूर और माल का अकाल
निरंजनपुर सब्जी मंडी में कारोबार पटरी पर नहीं लौट रहा। श्रमिक और फल-सब्जी की आवक कम होने से यहां कारोबार अभी भी 40 फीसद पर सिमटा हुआ है।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना ने निरंजनपुर सब्जी मंडी के कारोबार की कमर तोड़ दी है। फुटकर व्यापारियों के अपने स्तर पर फल-सब्जी की व्यवस्था करने से शहर में भले ही इनकी आपूर्ति का संकट न हो। लेकिन, निरंजनपुर सब्जी मंडी में कारोबार पटरी पर नहीं लौट रहा। इसकी वजह है उत्तर प्रदेश व दिल्ली से फल-सब्जी लाने पर लगा प्रतिबंध। श्रमिक और फल-सब्जी की आवक कम होने से यहां कारोबार अभी भी 40 फीसद पर सिमटा हुआ है। जिससे आढ़तियों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।
कोरोना संक्रमण के कई मामले मिलने के बाद बीती चार जून को मंडी एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई थी। 15 जून से नए नियम व शर्तो के साथ मंडी तो खुल गई, लेकिन एक सप्ताह बाद भी यहां कारोबार पटरी पर नहीं लौटा है। ऐसे में आढ़ती भी मंडी आने से परहेज कर रहे हैं।
वर्तमान में यहां दो शिफ्टों में 150 दुकानों को खोलने की अनुमति है, जिसमें 75 फल व 75 सब्जी की हैं। लेकिन, खुल इसकी आधी दुकानें भी नहीं रही हैं। मंगलवार को भी मंडी में सब्जी की 32 और फल की 28 दुकानें ही खुलीं। आढ़तियों का कहना है कि उन्हें मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं और उत्तर प्रदेश व दिल्ली से फल-सब्जी लाने की अनुमति भी नहीं है। इससे सामान्य दिनों में जहां मंडी में 15 से 18 हजार कुंतल फल-सब्जी का कारोबार होता था, वहीं अब यह पांच से सात हजार कुंतल पर सिमट गया है। मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि इन दिनो मंडी में आवक सामान्य दिनों की तुलना में एक तिहाई रह गई है।
सहारनपुर से आते थे मजदूर और सब्जी
आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र आनंद ने बताया कि निरंजनपुर मंडी में मजदूर सहारनपुर व आसपास के क्षेत्रों से आते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सहारनपुर से मजदूर व सब्जी की आवक पर प्रतिबंध है। वहीं, आढ़तियों के पुराने श्रमिक घर लौट गए हैं। ऐसे में शहर के अंदर भी मजदूर नहीं हैं।
इससे वाहनों से माल उतारने-चढ़ाने और उसे गोदाम में रखवाने में दिक्कत आ रही हैं। दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आवक पर रोक होने के कारण हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि से फल-सब्जी मंगवानी पड़ रही है, जो महंगी पड़ती है। इसके चलते आढ़ती माल कम ही मंगवा रहे हैं।
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फुटकर में नहीं कमी
फुटकर में सब्जी खरीदने-बेचने पर किसी प्रकार का शुल्क न लिए जाने के कारण अधिकांश विक्रेता हरिद्वार, विकासनगर आदि से खुद ही माल मंगा रहे हैं। इससे शहर में फुटकर दुकानदारों के पास फल-सब्जी की पर्याप्त उपलब्धता है।
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