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ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से पास करा सकते हैं भवन का नक्शा, ऋण लेने के इच्छुक लोगों को मिलेगी राहत

उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के मद्देनजर सरकार ने उन व्यक्तियों को राहत दे दी है जिन्हें नक्शे पास न होने के कारण बैंकों से ऋण नहीं मिल पा रहा था। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 09:10 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से पास करा सकते हैं भवन का नक्शा, ऋण लेने के इच्छुक लोगों को मिलेगी राहत
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से पास करा सकते हैं भवन का नक्शा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के मद्देनजर सरकार ने उन व्यक्तियों को राहत दे दी है, जिन्हें नक्शे पास न होने के कारण बैंकों से ऋण नहीं मिल पा रहा था। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरणों एवं विनियमित क्षेत्रों को छोड़कर नए सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों में यदि कोई आवेदक स्वेच्छा से नक्शा पास कराना चाहता है, तो संबंधित प्राधिकरण इसे स्वीकृत करने की कार्रवाई करेगा।

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उत्तराखंड बनने से पहले यहां मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण अस्तित्व में थे। राज्य गठन के बाद दूनघाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण, नैनीताल झील परिक्षेत्र विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण व गंगोत्री क्षेत्र विकास प्राधिकरण गठित किए गए। इसके साथ ही नगरीय व पर्यटक स्थलों के नियोजित विकास के लिए 22 विनियमित क्षेत्र अधिसूचित किए गए।

इसके अलावा वर्ष 2016 में 19 नए स्थानीय विकास प्राधिकरण गठित किए गए, जिनमें कई क्षेत्रों को शामिल किया गया। विकास प्राधिकरणों में नक्शे पास कराने के साथ ही तमाम कर लगने के मद्देनजर इनका विरोध भी शुरू हो गया।विधानसभा में सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों ने प्राधिकरणों में जनसामान्य के समक्ष आ रही कठिनाइयों को लेकर आवाज बुलंद की। बाद में विधानसभा ने इसे लेकर कमेटी गठित की।

कमेटी की सिफारिशों के बाद सरकार ने बीती 12 मार्च को प्रदेश में वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरणों व विनियमित क्षेत्रों को छोड़कर नए सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शे पास करने की प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया। इस बीच सरकार के संज्ञान में यह बात भी आई कि यह प्रक्रिया स्थगित होने से उन व्यक्तियों को दिक्कतें पेश आ रही हैं, जो स्वेच्छा से नक्शा पास कराना चाहते हैं।

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