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बुकिंग के बाद भी नहीं किया फ्लैट का निर्माण, बिल्डर को लौटानी होगी रकम

बुकिंग के बाद भी फ्लैट का निर्माण न करने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने आरबीएस डेवलपर्स को बुकिंग के लिए दिए पैसे लौटाने के आदेश दिए हैं।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 11:50 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 11:50 AM (IST)
बुकिंग के बाद भी नहीं किया फ्लैट का निर्माण, बिल्डर को लौटानी होगी रकम
बुकिंग के बाद भी नहीं किया फ्लैट का निर्माण, बिल्डर को लौटानी होगी रकम

देहरादून, जेएनएन। बुकिंग के बाद भी फ्लैट का निर्माण न करने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने आरबीएस डेवलपर्स को बुकिंग के लिए दिए पैसे लौटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही मानसिक क्षति के रूप में 50 हजार रुपये व वाद व्यय के रूप में दस हजार रुपये 30 दिन के भीतर लौटाने के निर्देश दिए हैं।

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इस मामले में ऊषा दुबे और उनके पति डॉ. अशोक दुबे निवासी मोहित नगर ने आरबीएस डेवलपर्स के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया था। वाद के मुताबिक उन्होंने आरबीएस डेवलपर्स से कारगी क्रासिंग के पास दो फ्लैट बुक कराए थे। इसके एवज में उन्होंने डेवलपर्स को दोनों फ्लैट के लिए अलग-अलग छह-छह लाख रुपये दे दिए। 

डेवलपर्स ने उन्हें आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही फ्लैटों का निर्माण कर उन्हें सौंप दिए जाएंगे। बुकिंग के कुछ माह बाद जब पति-पत्नी मौके पर गए तो वहां निर्माण कार्य ही प्रारंभ नहीं हुआ था। इसके बाद उन्होंने 20 मार्च 2018 और 24 मार्च 2018 को डेवलपर्स के कार्यालय में जाकर बुकिंग निरस्त करने और रकम लौटाने के लिए कहा। 

इस पर राकेश बत्ता ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया। लेकिन 28 मार्च को जब वह कार्यालय पहुंचे तो राकेश बत्ता ने मिलने के इन्कार कर दिया और कर्मचारियों ने उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद पति-पत्नी ने फोरम में वाद दाखिल कर उनके ब्याज सहित पैसे लौटाने और मानसिक क्षति और वाद व्यय के रूप में अतिरिक्त धनराशि दिए जाने की गुहार लगाई। 

इस मामले में उपभोक्ता फोरम ने आरबीएस डेवलपर्स को नोटिस भेजा लेकिन वह सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। सोमवार को फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल ने सदस्य विमल प्रकाश नैथानी की मौजूदगी में मामले में सुनवाई की।

सबूतों और साक्ष्यों के बाद फोरम ने पति-पत्नी को दोनों फ्लैटों के लिए दी गई बुकिंग राशि छह-छह लाख वापस करने  और दोनों मामलों में अलग-अलग 25-25 हजार मानसिक क्षति के रूप में और पांच-पांच हजार वाद व्यय के रूप में तीस दिन के अंदर लौटाने के आदेश दिए। तय समय में रकम न लौटाने पर वादी नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान पाने के अधिकारी होंगे।

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