Move to Jagran APP

अब निवेशकों की आंखों में धूल नहीं झोंक पाएंगे बिल्डर

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने का रास्ता ढूंढ निकाला है। तय किया गया है कि बिल्डरों के प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी ऑनलाइन साझा की जाएगी।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 09:11 AM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 10:47 PM (IST)
अब निवेशकों की आंखों में धूल नहीं झोंक पाएंगे बिल्डर
अब निवेशकों की आंखों में धूल नहीं झोंक पाएंगे बिल्डर

देहरादून, [सुमन सेमवाल]: जिस तरह बिल्डरों ने रेरा में पंजीकरण के समय प्रोजेक्ट पूरा होने की अवधि कुछ और बताई है और निवेशकों के साथ किए गए अनुबंध में कुछ और, उसे देखते हुए तब तक किसी बिल्डर की हकीकत सामने नहीं आ पाएगी, जब तक कि कोई निवेशक शिकायत नहीं कर देता। बिल्डरों के इस खेल को भांपते हुए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने का रास्ता ढूंढ निकाला है। तय किया गया है कि बिल्डरों के प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी ऑनलाइन साझा की जाएगी।

loksabha election banner

जानकारी ऑनलाइन साझा करने के लिए रेरा वेबसाइट तैयार कर रहा है। साइट पर बिल्डरों के नाम और उनके प्रोजेक्ट के पूरा होने की अवधि समेत तमाम जानकारी दर्ज की जाएगी। इस आधार पर निवेशक खुद यह जान पाएंगे कि बिल्डरों ने उनके साथ किए अनुबंध में कब्जा देने की जो अवधि बताई है, उस अवधि तक प्रोजेक्ट पूरा भी हो पाएगा या नहीं। 

सचिव आवास व रेरा के नियामक प्राधिकारी अमित नेगी के मुताबिक एक माह के भीतर वेबसाइट तैयार कर दी जाएगी। वेबसाइट में प्रोजेक्ट की जानकारी प्राप्त करने के साथ ही निवेशक शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे।

दर्जनों बिल्डरों ने किया खेल

रेरा में अब तक 237 बिल्डर पंजीकरण को आवेदन कर चुके हैं और 82 बिल्डरों के पंजीकरण पर मुहर लग चुकी है। जबकि दर्जनों बिल्डरों के दस्तावेज यह बता रहे हैं कि प्रोजेक्ट के पूरा होने की जो अवधि उन्होंने रेरा को बताई है, असल में वह अवधि निवेशकों के साथ किए गए अनुबंध से कहीं अधिक है। साफ है कि बिल्डरों ने निवेशकों को धोखे में रखने का काम किया है। 

इस तरह वही बिल्डर रेरा की कार्रवाई झेलेंगे, निवेशक जिनकी शिकायत करेंगे। जबकि वेबसाइट में जानकारी मिलने के बाद निवेशकों को स्वत: ही पता लग जाएगा कि बिल्डर उन्हें धोखे में रख रहा है।

सचिवालय आवास समिति को राहत

उत्तराखंड सचिवालय सहकारी आवास समिति की कारगी क्षेत्र में की गई करीब 117 बीघा की प्लॉटिंग को रेरा से राहत मिलती दिख रही है। रेरा में पंजीकरण कराए बिना प्लॉटिंग करने पर समिति को नोटिस जारी किया गया। इसके बाद समिति ने रेरा में पंजीकरण के लिए आवेदन कर दिया था। 

हालांकि, दोबारा पेंच इस बात का फंस गया था कि यह भूखंड दो हिस्सों में खरीदा गया है। इसका रास्ता निकाला गया कि यदि समिति अलग-अलग शुल्क जमा करा दे तो पंजीकरण से पेंच हट जाएगा। इस आशय का नोटिस रेरा ने समिति के भेज दिया है।

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड में संदेह के घेरे में 65 बिल्डरों के प्रोजेक्ट

यह भी पढ़ें: अब फर्जी डिग्रियां बेचने वाले गिरोह की तलाश

यह भी पढ़ें: जरा सी लापरवाही से गंगोत्री में ही मैली हो रही है गंगा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.