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Coronavirus Outbreak: छमाही में पहुंचते ही बजट खर्च में आया सुधार, पहुंचा 38 फीसद तक

कोरोना की मार से प्रदेश का बजट अब उबरने लगा है। पहली तिमाही में लगे झटके को अनलॉक-चार ने कुछ हद तक थामने की कोशिश की। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही यानी जून तक बजट प्रविधान की तुलना में महज नौ फीसद तक बजट खर्च हुआ था।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 05:48 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:48 PM (IST)
Coronavirus Outbreak: छमाही में पहुंचते ही बजट खर्च में आया सुधार, पहुंचा 38 फीसद तक
छमाही में पहुंचते ही बजट खर्च में आया सुधार।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी की मार से प्रदेश का बजट अब उबरने लगा है। पहली तिमाही में लगे झटके को अनलॉक-चार ने कुछ हद तक थामने की कोशिश की है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही, यानी जून तक बजट प्रविधान की तुलना में महज नौ फीसद तक बजट खर्च हुआ था। अब छमाही तक आते-आते यह खर्च करीब 38 फीसद तक पहुंच गया है। हालांकि यह खर्च गैर विकास मदों, यानी अधिष्ठान मद में ज्यादा हुआ है। विकास मद में खर्च अक्टूबर से रफ्तार पकडऩे की उम्मीद है।

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चालू वित्तीय वर्ष के लिए कुल 53526.97 करोड़ बजट का प्रविधान किया गया है। कोरोना महामारी आमदनी और खर्च, दोनों लिहाज से बजट की प्राथमिकता को बदल चुकी है। लॉकडाउन के चलते राज्य की आर्थिकी पर बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से चालू वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में राज्य को तकरीबन 2500 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है। इस वजह से राज्य के लिए अभी तक उबरना मुश्किल हो रखा है। आमदनी में जबरदस्त गिरावट ने बजट खर्च के रूप में राज्य की आर्थिक सेहत को संवरने का मौका नहीं दिया।

अनलॉक के साथ बढ़ी खर्च की गति

नतीजा ये हुआ कि पहली तिमाही, यानी जून तक बजट प्रविधान का सिर्फ नौ फीसद खर्च हो सका। हालांकि खर्च के लिए 12943.23 करोड़ की बजट राशि जारी की गई थी। इसमें से सिर्फ 4842 करोड़ खर्च हो पाया था। खर्च में यह गिरावट चारों सेक्टर जिला, राज्य, केंद्रपोषित और बाह्य सहायतित योजनाओं में रही है। लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक के रूप में पाबंदियां खत्म होने का सिलसिला शुरू होने से बजट खर्च की गति में भी वृद्धि हुई है।

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जीएसटी से मिल रहे 300 करोड़

प्रदेश में अब प्रति माह जीएसटी से करीब 300 करोड़, पेट्रोल और डीजल की खपत में कुछ वृद्धि होने से वैट में 150 करोड़ की आमदनी हो रही है। स्टांप व रजिस्ट्रेशन की आय 85 करोड़ तक पहुंच रही है। वहीं आबकारी से 330 करोड़ की आमदनी हुई है। खनन बंद होने से इससे होने वाली आमदनी अभी ठप ही है।

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