Move to Jagran APP

उत्तराखंड के बजट में संपूर्ण विकास की झलक, जानिए सत्र की मुख्य बातें

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट को विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि यह प्रदेश के विकास में अहम योगदान देगा।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 04:07 PM (IST)
उत्तराखंड के बजट में संपूर्ण विकास की झलक, जानिए सत्र की मुख्य बातें
उत्तराखंड के बजट में संपूर्ण विकास की झलक, जानिए सत्र की मुख्य बातें

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट को विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि यह प्रदेश के विकास में अहम योगदान देगा। उन्होंने कहा कि बजट में ढांचागत सुविधाओं, कृषि, उद्योग, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। 

loksabha election banner

उन्होंने वित्त मंत्री प्रकाश पंत को बजट के लिए बधाई देते हुए कहा कि इसमें संपूर्ण विकास की झलक है और यह सरकारी की प्राथमिकताओं पर केंद्रित बजट है। विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में किसानों का पूरा ध्यान रखा गया है। गन्ना किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। किसानों के लिए सॉफ्टलोन की व्यवस्था की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को उत्पादक बनाने के लिए कुछ सुधार किए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को पांच मेगावाट तक के प्रोजेक्ट का अधिकार दिया गया है। प्रदेश में 5000 के आसपास ऐसे तोक हैं जहां ग्रिड से बिजली नहीं पहुंच रही है, उनमें से अधिकांश में मार्च तक ग्रिड से बिजली पहुंचा दी जाएगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में अटल आयुष्मान योजना लागू की गई है। इसमें शुरुआती दौर में कुछ कमी हो सकती है, लेकिन इन्हें समय आने पर दूर कर दिया जाएगा। 

कहा कि हर जिला अस्पताल में कम से कम 15 डॉक्टर तैनात हैं। उच्च शिक्षा में नए लेक्चरर की भर्ती की जा रही है। सबको एक समान शिक्षा देने के लिए प्राथमिक स्तर से एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू की गई हैं। प्रदेश में अनाथ बच्चों को भी आरक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने नदियों के पुनर्जीवन, बदरीनाथ व केदारनाथ के साथ ही टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे, हवाई कनेक्टिविटी, चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के संबंध में सरकार की योजनाओं का खाका भी पेश किया। 

विपक्ष ने उठाए सवाल 

इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में सड़कें बदहाल हैं। अभी तक कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। आयुष्मान योजना का खूब प्रचार प्रसार हो रहा है, लेकिन मरीजों को पूरी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अस्पतालों में बेड नहीं हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। बजट में न तो किसानों और न ही नौजवानों को कोई राहत मिली है। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि गैरसैंण के परिप्रेक्ष्य में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। वेतन, पेंशन व ब्याज को निकाल दिया जाए तो विकास कार्यो के लिए केवल 1958 करोड़ ही हैं। प्रदेश में किसान व व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं। निवेश सम्मेलन को लेकर जो आंकड़े दर्शाए जा रहे हैं वह धरातल पर कैसे उतरेंगे, इसे लेकर संशय है। 

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि खेती बंद हो गई है, बेरोजगारी बढ़ी है। अतिथि शिक्षकों को व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। विधायक मनोज रावत ने कहा कि अधिकांश बजट उधार व अन्य देयता मद को पूरा करने के लिए रखा गया है। बीते दो वर्षो से सरकार के प्रस्तावित उधार लेने और वास्तविक उधार लेने में अंतर हैं। 

वर्ष 2018-19 में ही सरकार ने प्रस्तावित उधार से पांच हजार करोड़ अधिक उधार लिया है। इस रफ्तार से यह दर काफी अधिक पहुंच जाएगी। विधायक हरीश धामी, फुरकान अहमद, ममता राकेश व राजकुमार के अलावा निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने भी बजट को अपूर्ण बताया। 

सत्ता पक्ष ने बताया बेहतर 

वहीं, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विधायक सुरेंद्र सिंह जीना और नवीन चंद्र दुम्का ने बजट के पक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बजट को प्रदेश के विकास के लिए बेहतर बताया। 

स्थानीय मंडी में ही फूल बेच सकेंगे किसान

प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले किसान अब प्रदेश की कृषि मंडियों में ही फूलों की खेती कर सकेंगे। इसके लिए सदन में उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन) (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया गया। इसके अलावा ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने के लिए भारतीय भागीदारी (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक को पारित करने पर भी मुहर लगी। 

सदन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) (संशोधन) को भी पटल पर रखा गया। सदन में उत्तराखंड कृषि मंडी संशोधन विधेयक को पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि प्रदेश में अभी तक मंडी में फूलों की बिक्री का प्रावधान नहीं था। संशोधित विधेयक में फूलों को मंडी से बेचने के साथ ही उन्हें दुकान आवंटित कराने और अन्य कृषकों के समान ही बीमा सुविधा देने का प्रावधान किया गया है। 

भारतीय भागीदारी उत्तराखंड संशोधन विधेयक प्रस्तुत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इसमें धारा 58, 67 और 68 में बदलाव किया गया है। इसके तहत इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के साथ ही पेपरलैस किया जाएगा। इसके साथ ही इस पर नजर रखने के भी प्रावधान किया गया है। इन दोनों विधेयकों को सदन में पारित कर दिया गया। 

इसके अलावा सदन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) (संशोधन) विधेयक पटल पर रखा गया। इसमें जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम व नगर निकायों में महापौर, आयुक्त व बोर्ड के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। 

सदन में खूब ली गई चुटकी 

सदन में बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक दूसरे के संबोधनों में एक दूसरे पर खूब चुटकियां लीं। इस दौरान एक दूसरे के सरकार के कामकाज पर भी तंज कसने से विधायक नहीं चूके। अपनी सरकार को दिए सुझाव सदन में भाजपा विधायकों ने चर्चा के दौरान अपनी सरकार को सुझाव भी दिए। 

विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने प्रदेश में इथॉनोल के प्लांट लगा कर आय बढ़ाने का सुझाव दिया। वहीं, विधायक नवीन दुम्का ने मैदानी क्षेत्रों में भूसे का पर्याप्त मात्रा में प्रबंध करने और श्रमिक क्षेत्र में यूनियन बनाने को लेकर फैक्ट्री मालिकों द्वारा की जा रही उत्पीड़न की कार्रवाई पर श्रम विभाग से इस दिशा में कदम उठाने की अपेक्षा की।

विपक्ष का कंपनी को बचाने का आरोप, सरकार ने नकारा

विपक्ष ने पिछले दिनों पंतनगर-पिथौरागढ़ के मध्य संचालित हवाई सेवा के विमान का उड़ान के दौरान कथित तौर पर दरवाजा खुलने के मामले में सरकार को घेरने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश और कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि इस घटना से लोग भयभीत हैं। उन्होंने सरकार पर हवाई सेवा प्रदाता कंपनी को बचाने का आरोप भी लगाया। 

संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि सरकार कहीं भी दोषी नहीं है। जनता की सुविधा के लिए यह सेवा शुरू की गई है। नियम 58 के तहत मामला उठाते हुए विधायक धामी ने कहा कि सरकार ने ऐसी कंपनी को अधिकृत किया है, जो पुराने खस्ताहाल यात्री विमानों का उपयोग कर रही है। 

उन्होंने कहा कि नौ फरवरी को इस कंपनी की उड़ान के दौरान विमान का दरवाजा खुला। विमान में सवार यात्रियों ने इसकी पुष्टि की। फिर भी पंतनगर एयरपोर्ट के निदेशक ने ऐसी घटना से इनकार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी समेत प्रकरण से जुड़े लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने भी पूरे प्रकरण की जांच की मांग उठाई। 

संसदीय कार्यमंत्री पंत ने जवाब देते हुए अधिकारियों द्वारा डीजीसीए को भेजी गई आख्या का ब्योरा रखा। इसमें उल्लेख है कि जब यह विमान साढ़े तीन-चार हजार फीट की ऊंचाई पर था, तभी केबन रेड इंडीकेटर में फ्लक्च्युशन दिखा, जो एयर प्रेशर को दर्शाता है। इस तकनीकी खराबी के संबंध में तुरंत ही एटीसी को सूचना दी गई थी। एयरक्राफ्ट के दरवाजे पर स्कैच दिखे। उन्होंने कहा कि प्रकरण की जांच चल रही है। यात्रियों से भी जानकारी ले ली जाएगी। 

मंत्री का जवाब आने के बाद पीठ ने इस प्रश्न को अग्राह्य कर दिया। श्रमिक हितों को लेकर सरकार गंभीर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने विधायक करन माहरा की सूचना के जवाब में कहा कि अल्मोड़ा के पातालदेवी स्थित आल्पस फार्मा फैक्ट्री के छह माह से बंद होने के कारण वहां कार्यरत 138 श्रमिकों की समस्या को लेकर सरकार गंभीर है। इस मामले में फैक्ट्री पर 90 लाख की आरसी जारी की गई है। फैक्ट्री मालिक पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। बंद पड़े उद्योगों को चालू करने के मद्देनजर श्रम कानूनों के आधार पर विचार किया जाएगा। 

इससे पहले माहरा ने कहा कि इस फैक्ट्री के श्रमिक आंदोलित हैं, मगर सरकार ध्यान नहीं दे रही। पूर्वोत्तर की भांति मिले पेंशन विधायक प्रीतम सिंह ने एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लों को नौकरी देने और पूर्वात्तर की भांति नौकरी की आयु सीमा पार कर चुके गुरिल्लों को पेंशन देने की मांग रखी। 

जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि समुचित प्रमाणिक अभिलेख न होने से गुरिल्लों के मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। फिर भी राज्य गठन के बाद उन्हें आउटसोर्सिग पर कई विभागों व निगमों में रोजगार दिया गया। पुन: परीक्षण करा लिया जाएगा कि अधिवर्षता वाले विभाग कौन से हैं, जहां उन्हें रोजगार मिल सके। साथ ही इनके हितों के संरक्षण के मद्देनजर केंद्र को पत्र लिखा जाएगा। 

जल्द होगी शिक्षकों की नियुक्ति 

विधायक ममता राकेश की ओर से रखे गए आदर्श आवासीय विद्यालय मक्खनपुर (भगवानपुर) में शिक्षकों की कमी से संबंधित मसले पर समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि जल्द ही यह कमी दूर करा दी जाएगी। बरती गई पूरी पारदर्शिता विधायक राजकुमार द्वारा रखे गए पौड़ी में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति से संबंधित मामले का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई। इसकी रिकार्डिग तक की गई। साथ ही आरक्षण का भी ख्याल रखा गया। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट का निर्णय आने के बाद इसके आधार पर फैसला लिया जाएगा।

ट्रेंचिंग ग्राउंड पर घिरे शहरी विकास मंत्री

उत्तरकाशी समेत प्रदेश के तमाम नगर निकायों में कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड न होने के सवाल पर सदन में आवास एवं शहरी विकास मंत्री घिरते नजर आए। हालांकि, बाद में वह खुद को किसी तरह बचा ले गए। उन्होंने कहा कि 22 निकायों में कूड़ा निस्तारण को ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि की उपलब्धता के लिए डीएम को निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही कूड़े को संसाधन के रूप में लेते हुए इससे बिजली बनाने को 'वेस्ट एनर्जी' नीति लाई गई है और जल्द ही इसके सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे। 

विधायक धन सिंह नेगी के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित प्रश्न पर कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि टिहरी विस क्षेत्र में चंबा व टिहरी नगर पालिका क्षेत्र में ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए डीपीआर तैयार हो गई है। इसी वित्तीय वर्ष में धनराशि भी मुहैया करा दी जाएगी। 

विधायक महेंद्र भट्ट ने अनुपूरक प्रश्न रखा कि राज्य के अधिकांश नगर निकायों में ट्रेचिंग ग्राउंड नहीं है। यह व्यवस्था कब तक होगी। विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या बना हुआ है। विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए इंदौर मॉडल को अपनाया जाए। विधायक प्रदीप बत्रा ने जानना चाहा कि रुड़की में कूड़े से बिजली बनाने का सयंत्र कब अस्तित्व में आएगा। 

विधायक यतीश्वरानंद ने उनके विस क्षेत्र में कूड़े से उठने वाली दुर्गध का मसला रखा। विधायक सहदेव पुंडीर ने शीशमबाड़ा प्लांट से जुड़ा ऐसा ही मसला रखा। विभागीय मंत्री ने कहा कि उत्तरकाशी में ट्रेचिंग ग्राउंड को भूमि ले ली गई थी, मगर इसमें अदालत से स्टे हो गया। नए सिरे से भूमि की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में ट्रेचिंग ग्राउंड से दुर्गंध की दिक्कत है, वहां इसे दूर करने को एंजाइम छिड़कने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि शीशमबाड़ा प्लांट मानकों के अनुरूप बना है। दुर्गध की समस्या को देखते हुए वह जल्द ही प्लांट का निरीक्षण करेंगे। अब प्लांट को 24 घंटे चालू रखने और दिन में चार बार एंजाइम छिड़कने को निर्देशित किया गया है। 

नीति के बाद भी नहीं आ रही सुगंध 

नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने चुटकी ली कि वेस्ट एनर्जी नीति बन गई है। इसके बाद भी सुगंध क्यों नहीं आ रही। अब तो सवा दो साल हो चुके हैं। कैबिनेट मंत्री कौशिक ने भी हंसते हुए जवाब दिया कि आप तो 10 साल में नहीं कर पाए, हमें तो दो साल ही हुए हैं। साथ ही जोड़ा कि नीति आने के बाद अब दुर्गध का समाधान हो जाएगा।

यह भी पढ़ें: विधानसभा सत्र: प्राधिकरणों में दिक्कतों की जांच करेगी विस की समिति

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड बजट: 12.38 फीसद बजट में कैसे पूरी हों जन अपेक्षाएं

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड बजट के पिटारे में पांचों सीटें साधने की जुगत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.