मार्च फाइनल: महकमों को झटका, अब नए कार्यों को मंजूरी नहीं
अब 31 मार्च तक पूरे नहीं हो सकने वाले कार्यों खासतौर पर नए निर्माण कार्यों के लिए बजट को 15 फरवरी के बाद मंजूरी देने पर रोक लगा दी गई है।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। मार्च फाइनल में बजट का बड़ा हिस्सा ठिकाने लगाने की मंशा पाले बैठे सरकारी महकमों ने झटका लगना तय है। 31 मार्च तक पूरे नहीं हो सकने वाले कार्यों खासतौर पर नए निर्माण कार्यों के लिए बजट को 15 फरवरी के बाद मंजूरी देने पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ चालू कार्यों और छात्रवृत्ति, पेंशन आदि देनदारियों के भुगतान का रास्ता खुला रहेगा। बजट के इस्तेमाल में लापरवाही और दुरुपयोग रोकने को बजट की पार्किंग या कार्य होने की प्रत्याशा में बैंक ड्राफ्ट नहीं बनाया जाएगा। ऐसे कार्मिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल स्वीकृत बजट का 75 फीसद खर्च हो चुका है। अब भी बड़ी राशि खर्च होना बाकी है। हालांकि, महकमों की वित्तीय वर्ष के आखिर यानी मार्च महीने में बड़ा बजट खर्च करने के मंसूबे इस बार पूरे नहीं हो सकेंगे। वजह अब किसी भी नए कार्य के लिए महकमों को बजट नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में वित्त की ओर से सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं।
केंद्रपोषित योजनाओं, बाह्य सहायतित योजनाओं, विशेष आयोजनागत सहायता और विशेष आयोजनागत सहायता-पुनर्निर्माण को छोड़कर वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने की डेडलाइन 15 फरवरी तय की गई। इसके बाद अब नई वित्तीय स्वीकृतियां जारी नहीं की जाएंगी। ई-पेमेंट से ही होगा भुगतान वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि सभी आहरण वितरण अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट का ई-पेमेंट प्रणाली के जरिये उपयोग करने को कहा गया है।
मैनुअल बिलों को कोषागार में पारित नहीं किया जाएगा। मार्च माह में ही ई-पेमेंट के जरिये सभी बिलों को 24 मार्च तक प्रस्तुत करने की हिदायत दी गई है। आहरण वितरण अधिकारी 27 मार्च तक हर हाल में ई-पेमेंट के लिए आवश्यक कार्यवाही की जांच 27 मार्च तक करेंगे। 31 मार्च से पहले ही ई-ट्रांजेक्शन की जांच कर ई-पेमेंट किया जाएगा। फंड पार्किंग यानी वित्तीय गड़बड़ी सभी प्रशासकीय विभागों को कोषागार से प्राप्त चेक का भुगतान 31 मार्च तक प्राप्त करने को कहा गया है।
अगले माह आचार संहिता लागू होने के अंदेशे को देखते हुए सरकार एहतियात बरत रही है। वित्त सचिव ने बताया कि राज्य की वित्तीय स्थिति देखते हुए बजट पार्किंग के लिए धनराशि का आहरण नहीं किया जाएगा। ऐसी किसी भी कोशिश को वित्तीय अनियमितता और अनुशासनहीनता माना जाएगा। ऐसे कार्मिकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
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